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नगड़ी मर्डर : सुपारी किसी और के नाम की थी, गलतफहमी में भाजपा नेता को मार दी गोली

-एके-47, पिस्टल और 20 लाख सहित सात अपराधी गिरफ्तार रांची/ नगड़ी : पिस्का रेलवे स्टेशन के समीप मारे गये भाजपा नेता पंकज लाल गुप्ता मामले में पुलिस को आरंभिक जांच में पता चला है कि झारखंड के दो बड़े गिरोह के बीच गैंगवार होनी थी. इसी वजह से एक गिरोह ने दूसरे गिरोह से जुड़े […]

-एके-47, पिस्टल और 20 लाख सहित सात अपराधी गिरफ्तार

रांची/ नगड़ी : पिस्का रेलवे स्टेशन के समीप मारे गये भाजपा नेता पंकज लाल गुप्ता मामले में पुलिस को आरंभिक जांच में पता चला है कि झारखंड के दो बड़े गिरोह के बीच गैंगवार होनी थी. इसी वजह से एक गिरोह ने दूसरे गिरोह से जुड़े एक व्यक्ति की हत्या की सुपारी दी थी. लेकिन शूटरों ने गलतफहमी में पंकज लाल गुप्ता की हत्या कर दी.
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने गिरोह के सात बड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 20 लाख नकद, एक एके-47 राइफल, करीब एक दर्जन पिस्टल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किये गये हैं. इसके साथ ही अपराधियों ने हत्याकांड में शामिल शूटरों और उनके पते के बारे में पुलिस को जानकारी दी है, जिनकी तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने किसी अपराधी के पकड़े जाने या हथियार बरामद होने की अाधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है.
गलतफहमी के शिकार हुए
पुलिस सूत्रों की माने तो पुरानी रंजिश में भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव गिरोह के बीच गैंगवार होनी थी. यही कारण है कि एक गिरोह ने दूसरे गिरोह के एक सदस्य की हत्या करने के लिए भारी मात्रा में हथियार की व्यवस्था की थी. इसके साथ ही गिरोह से जुड़े खलारी के एक व्यक्ति की हत्या की सुपारी शूटरों को दी थी. जिस समय दूसरे गिरोह से जुड़े व्यक्ति के पिस्का रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने की बात थी, उसी समय भाजपा नेता पंकज लाल गुप्ता वहां खड़े थे. इसी दौरान किसी ने गलतफहमी में पंकज लाल की पहचान गिरोह से जुड़े व्यक्ति के रूप में कर दी, जिसके कारण शूटरों ने उनकी हत्या कर दी.
11 मार्च को हुई थी हत्या
उल्लेखनीय है कि लोहरदगा के शास्त्री चौक निवासी पंकज गुप्ता की हत्या अपराधियों ने 11 मार्च की सुबह नगड़ी थाना क्षेत्र के पिस्का स्टेशन के पास स्थित रामलाल होटल के बाहर गोली मारकर कर दी थी. घटना को अंजाम बाइक सवार दो शूटरों ने दिया था. हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए एसएसपी ने एसआइटी का गठन किया था. आरंभिक जांच में पुलिस को जमीन विवाद में हत्या की जानकारी मिली. लेकिन बाद में किसी विवाद की बात सामने नहीं आयी. जिसके बाद पुलिस ने दूसरे बिंदुओं पर जांच शुरू की. इसी बीच एसएसपी को सूचना मिली कि बड़े गिरोह से जुड़े अपराधी हथियार के साथ राजधानी के एक थाना क्षेत्र में ठहरे हुए हैं. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.
इन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे
पकड़े गये अपराधियों के बारे में क्यों नहीं बता रही पुलिस
हथियार कहां से बरामद किये गये हैं
पकड़ाये अपराधियों का नाम व पता क्या है
एके- 47 जैसे घातक हथियार अपराधियों के पास कहां से आये
पकड़े गये अपराधियों का संपर्क किसी नक्सली या उग्रवादी संगठन से तो नहीं?

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