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झारखंड : रिम्स में मंगलवार को दोबारा बैठी मेडिकल बोर्ड, लालू को 3 महीने एम्स या हायर सेंटर में रखने की अनुशंसा

रांची : रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद को तीन महीने के लिए एम्स/हायर सेंटर में रहना होगा. मंगलवार को राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड ने लालू प्रसाद की वर्तमान स्थिति पर आकलन करने के बाद यह फैसला लिया है. इधर लालू ने जेल प्रशासन को पत्र लिख कर अपने खर्च पर दिल्ली जाने की अनुमति मांगी […]

रांची : रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद को तीन महीने के लिए एम्स/हायर सेंटर में रहना होगा. मंगलवार को राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड ने लालू प्रसाद की वर्तमान स्थिति पर आकलन करने के बाद यह फैसला लिया है. इधर लालू ने जेल प्रशासन को पत्र लिख कर अपने खर्च पर दिल्ली जाने की अनुमति मांगी है़
जेल प्रशासन ने इस बाबत गृह सचिव को जानकारी भेज दी है़ वहीं लालू प्रसाद को हायर सेंटर ले जाने पर मेडिकल बोर्ड ने लिखा है कि सरकारी नियमों को ध्यान में रखते हुए रेल यात्रा या हवाई जहाज से दिल्ली ले जाया जा सकता है. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की मानें तो लालू प्रसाद का शुगर काफी बढ़ गया है. 27 मार्च को डायबिटीज का लेबल खाने के बाद 324 एमजी/डीएल (पीपी) था. एचबीएवनसी (तीन महीने का शुगर लेबल) का लेबल 9.2 फीसदी है.
किडनी पर भी तेजी से असर पड़ रहा है. क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) का लेबल थर्ड तक पहुंच गया है. इसके कारण क्रिटनीन 1.8 तक पहुंच गया है, जो सामान्य से बढ़ा हुआ है. इसके अलावा इजीएफआर का लेबल 38 तक पहुंच गया है. यूरिया 63 है. ऐसे में मेडिकल बोर्ड ने लालू प्रसाद काे हायर सेंटर भेजने की अनुशंसा की है. इधर, कार्डियोलॉजी विंग में सुबह अचानक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ गयी. ऐसे में अंदेशा लगाया जाने लगा कि लालू प्रसाद को रिम्स से ले जाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन बाद में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की संख्या कम हो गयी.
गृह सचिव ने मांगी रिपोर्ट, दोबारा बैठी बोर्ड : इधर, मंगलवार को दोबारा मेडिकल बोर्ड द्वारा लालू प्रसाद की जांच की गयी. सूत्राें की मानें तो गृह सचिव ने मेडिकल बोर्ड से यह रिपोर्ट मांगी थी कि लालू प्रसाद को हायर सेंटर में कितने दिनों तक रखा जा सकता है. वर्तमान में उनको कौन-कौन सी बीमारी है. वर्तमान स्टेटस क्या है. इसके बाद सुबह में अधीक्षक के निर्देश पर दोबारा डॉक्टरों की टीम ने जांच की.
जानबूझ कर देर करना चाहती है सरकार: इधर, बिहार के बहादुरपुर से राजद के विधायक भोला यादव ने कहा कि दोबारा मेडिकल बोर्ड की बैठक कराने का कोई मतलब ही नहीं है. क्योंकि फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें समय लगेगा. देर होने से लालू यादव की जान को खतरा है. श्री यादव ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने जब शुरू में ही मान लिया था कि हायर सेंटर भेजने की जरूरत है, तो आदेश क्यों नहीं दिया गया. दोबारा मेडिकल बोर्ड में भी कुछ अलग नहीं है. इसमें भी एम्स/हायर सेंटर भेजने की अनुशंसा की गयी है.

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