रांची : एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों को शिथिल करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों और उससे जुड़े संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया है. बंद को झारखंड के दर्जनों सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल गया है. रविदास जयंती पर आयोजित होने वाले इस भारत बंद को लेकर खुफिया विभाग नेझारखंड सरकार को अलर्ट किया है.
आदिवासी छात्र संघ, रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष संजय महली ने कहा है कि 2 अप्रैल का बंद ऐतिहासिक होगा. बंद को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार कर लीगयी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए छोटे-छोटे समूह बनाये गये हैं, जो विभिन्न इलाकों में बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरेंगे.
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वहीं, अनुसूचित जाति/जनजाति एकता मंच के संयोजक आरपी रंजन ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी और आजसू को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने झारखंड में बंद को समर्थन दिया है. बंद को समर्थन देने वाले संगठनों में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा, एससी-एसटी परिसंघ, एस-एसटी छात्र मोर्चा, एसएसी छात्र संघ, भीम आर्मी, जय गुरु रविदास संघ, एससी-एसटी पिछड़ा महासभा शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च,2018 को अपने एक फैसले में कहा था कि एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है. इसलिए एससी-एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के विरोध में ही भारत बंद बुलाया गया है. संगठनों ने झारखंड के लोगों से अपील की है कि वे बंद को समर्थन दें. बहुत जरूरी न हो, तो घरों से बाहर न निकलें. हालांकि, आवश्यक सेवाओं और परीक्षा देने वाले बच्चों को कहीं भी नहीं रोका जायेगा.