दीपांकर भट्टाचार्या फिर बनाये गये माले के राष्ट्रीय महासचिव

रांची : पंजाब के मनसा में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में माले ने दीपांकर भट्टाचार्या को फिर से राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ अगले संसदीय चुनाव में जीत हासिल कर एक और कार्यकाल की तैयारी नहीं कर रही है, बल्कि वह भारत को संघ के हिंदू वर्चस्ववादी नक्शे पर ढालना चाहती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2018 12:23 AM

रांची : पंजाब के मनसा में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में माले ने दीपांकर भट्टाचार्या को फिर से राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ अगले संसदीय चुनाव में जीत हासिल कर एक और कार्यकाल की तैयारी नहीं कर रही है, बल्कि वह भारत को संघ के हिंदू वर्चस्ववादी नक्शे पर ढालना चाहती है. 2025 में संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष से पहले वह यह काम निपटा लेना चाहती है.

घृणा, झूठ, राज्य दमन और निजी गिरोहों द्वारा हिंसा की रोजमर्रा की घटनाओं के पीछे भारतीय फासीवाद का एक सुविचारित जाल है. भाजपा और संघ राजनीतिक खालीपन के दौर में ही अपना जहरीला फन पसार सके हैं. वहीं 2004 से 2014 तक सत्ता में रही कांग्रेस के नेतृत्ववाली यूपीए अपना साख खो बैठी है. त्रिुपरा में पूरी की पूरी कांग्रेस इकाई का भाजपा में शामिल हो जाना इसे दर्शाता है.

77 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी बनी
राष्ट्रीय अधिवेशन में 77 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी बनायी गयी है. इसमें झारखंड के जनार्दन प्रसाद और शुभेंदू सेन को भी रखा गया है. इसके अतिरिक्त सेंट्रल कंट्रोल कमीशन का भी गठन किया गया है.

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