झारखंड : बंद समर्थकों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ सड़क पर उतरे आदिवासी छात्र संगठन, शहर में लगा जाम
सोमवार को बंद समर्थकों पर हुए लाठी चार्ज के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठनों ने अलबर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च भी किया. इस दौरान अलबर्ट एक्का चौक की तरफ आनेवाले सभी मार्ग पर रूट डायवर्ट कर दिया गया था, इससे शहर में जाम लग गया. […]
सोमवार को बंद समर्थकों पर हुए लाठी चार्ज के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठनों ने अलबर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च भी किया. इस दौरान अलबर्ट एक्का चौक की तरफ आनेवाले सभी मार्ग पर रूट डायवर्ट कर दिया गया था, इससे शहर में जाम लग गया.
रांची : आदिवासी जनपरिषद के तत्वावधान में मंगलवार को अलबर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. यह पुतला दहन भारत बंद के दौरान आदिवासी हॉस्टल में घुसकर छात्र-छात्राअों पर लाठीचार्ज करने अौर पुलिस द्वारा बर्बर कार्रवाई करने के खिलाफ किया गया.
इस अवसर पर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि एसटी/एससी अत्याचार अधिनियम में संशोधन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पिछले कुछ वर्षों में आदिवासी व दलितों पर हमला बढ़ा है.
उन्होंने अपील की कि सभी राजनीतिक पार्टियां आदिवासी दलित के संरक्षण से जुड़े कानून को मजबूत करने में सहयोग करे. आदिवासी जनपरिषद ने मांग की है कि छात्र नेता संजय महली अौर उसके साथियों को अविलंब बिना शर्त रिहा किया जाये. साथ ही छात्राअों पर पुलिस द्वारा की गयी बर्बर लाठीचार्ज मामले की निष्पक्ष जांच की जाये.
घंटों लगा रहा जाम
कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में शामिल थीं लड़कियां
रांची : आदिवासी छात्र संघ के तत्वावधान में मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला गया. कैंडल मार्च जेल चौक से होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक गया. यह मार्च सोमवार को आदिवासी हॉस्टल में पुलिस द्वारा घुसकर लाठीचार्ज करने के खिलाफ किया गया था. बंद के दौरान देशभर में आंदोलन के दौरान मारे गये लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी.
आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों बाद भी एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में सरकार लोकतांत्रिक विरोध को दबाने के लिए बर्बरतापूर्वक कार्रवाई कर रही है. छात्रों ने कहा कि किसी भी कीमत पर झारखंड के आदिवासी अौर यहां के छात्र अपने संवैधानिक अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे. कैंडल मार्च में मिथुन, पंकज, अनूप, मीनू, अरविंद, अजय कुमार भगत, जॉन मिंज, राकेश मिंज सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल थे.