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झारखंड : कार्डियोलॉजी हब बनती जा रही है रांची, बेहतर हो रही हैं हृदय रोग के इलाज की सुविधाएं

II राजीव पांडेय II रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग में हृदय रोगियों के इलाज की सुविधा है. एंजियोग्राफी, इको, इसीजी, हॉल्टर आदि की जांच सस्ती दर पर की जाती है. हृदय रोगियों की जांच तो होती ही है, एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया भी की जाती है. कार्डियोलॉजी विंग में […]

II राजीव पांडेय II
रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग में हृदय रोगियों के इलाज की सुविधा है. एंजियोग्राफी, इको, इसीजी, हॉल्टर आदि की जांच सस्ती दर पर की जाती है. हृदय रोगियों की जांच तो होती ही है, एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया भी की जाती है. कार्डियोलॉजी विंग में चार कार्डियोलॉजिस्ट सेवा दे रहे हैं, जो हृदय रोगियों का इलाज करते हैं. रिम्स में अत्याधुनिक आइसीयू भी है, जो निजी अस्पताल को टक्कर दे रहा है.
इधर, राजधानी के निजी अस्पताल मेदांता अब्दुर्रज्जाक अंसारी वीवर्स हॉस्पिटल, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल, आर्किड मेडिकल सेंटर, राज अस्तपाल, आलम फोर्टिस हॉस्पिटल में हृदय रोगियों के इलाज की सुविधा है.
निजी अस्पतालों में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है, जो मरीजों का इलाज करती है. इसके अलावा गुरुनानक अस्पताल में भी कार्डियेक अोपीडी शुरू की गयी है. सेंटेवीटा अस्पताल प्रबंधन ने सीके बिरला अस्पताल से अनुबंध किया है. यहां भी मरीजों को फिलहाल ओपीडी की सुविधा मिलेगी.
कुछ प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट
– डॉ दीपक गुप्ता – डॉ नीरज प्रसाद
– डॉ रीतेश कुमार – डॉ हेमंत नारायण – डॉ प्रकाश कुमार – डॉ प्रवीण श्रीवास्तव – डॉ प्रवीण झा – डॉ राजेश कुमार झा – डॉ प्रशांत कुमार – डॉ वरुण कुमार.
निजी अस्पतालों में की जाती है कार्डियेक सर्जरी
राजधानी के दो निजी अस्पतालों में कार्डियेेक सर्जरी की सुविधा है. रांची के मेदांता व मेडिका अस्पताल के अलावा जमशेदपुर के नारायण हृदयालय में भी कार्डियेक सर्जरी की सुविधा है. राज्य में कार्डियेक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होने के कारण मरीज महानगरों के बजाय यही इलाज कराते हैं. कार्डियेक सर्जरी में मेदांता में डॉ संजय कुमार व मेडिका में डॉ कुणाल हजारी सेवा दे रहे हैं.
जल्द तैयार होगा रिम्स का माॅड्यूलर कार्डियेक ओटी
रिम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) का माॅड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी तैयार हो रहा है. ओटी को तैयार करने के लिए जर्मनी की टीम काम कर रही है.
विभागाध्यक्ष डाॅ अंशुल कुमार ने बताया कि अोटी का आधा काम पूरा हो गया है. उम्मीद है कि इस माह के अंत तक ओटी हैंडओवर हो जायेगा. इसके साथ-साथ हार्ट लंग मशीन को मंगाने की प्रक्रिया भी चल रही है. उम्मीद की जा रही है शीघ्र ही हार्ट की सर्जरी रिम्स में शुरू हो जायेगी. सर्जरी की दर देश के बड़े सरकारी अस्पताल के समतुल्य होगा. सीटीवीएस में दो डॉक्टर हैं, जिसमें डॉ अंशुल व डॉ राकेश चौधरी शामिल हैं.
रिम्स को मिले दो करोड़
रिम्स के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दो करोड़ रुपये दिये हैं. इस राशि से अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद व आइ बैंक के निर्माण का किया जायेगा. आइ बैंक तैयार होने से रिम्स में काॅर्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो जायेगी. कार्निया ट्रांसप्लांट का प्रस्ताव तैयार करने का काम मंगलवार को शुरू हो गया. इसके लिए आठ सदस्यीय टीम बनायी गयी है, जिसमें नेत्र विभाग के डॉ राजीव गुप्ता, डॉ राहुल प्रसाद को शामिल किया गया है.

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