रांची नगर निगम चुनाव : पद का लोभ, बेड से उठ कर पहुंच गये वोट मांगने
रांची : बाबा बीमार हैं. बेड पर हैं. शायद हृदय रोग है. पहले पद पर थे. इस बार चुनाव नहीं लड़ सके हैं. महिला आरक्षित होने के कारण उनकी रिश्तेदार चुनाव लड़ रही हैं. पद का लोभ हावी है. बेड से उठ कर गली-मुहल्ले में पहुंच जा रहे हैं. गाड़ी में बैठ कर वोटरों के […]
रांची : बाबा बीमार हैं. बेड पर हैं. शायद हृदय रोग है. पहले पद पर थे. इस बार चुनाव नहीं लड़ सके हैं. महिला आरक्षित होने के कारण उनकी रिश्तेदार चुनाव लड़ रही हैं. पद का लोभ हावी है. बेड से उठ कर गली-मुहल्ले में पहुंच जा रहे हैं. गाड़ी में बैठ कर वोटरों के घर में चले जा रहे हैं. यह निवेदन करने कि पहले भी आपलोगों का सहयोग मिला है. इस बार भी मदद कर दिया जाये. उनका बेड से उठना और वोटरों के घरों तक पहुंच जाना चर्चा का विषय बना हुआ है.
लोग यह कहते भी नहीं चूक रहे कि बाबा बीमारी का हवाला देकर सहानुभूति बटोरने जनता के पास पहुंच रहे हैं. बाबा यह भी बता रहे हैं कि उठने का हालत नहीं है, फिर भी आये हैं. लेकिन वह करें भी तो क्या? मजबूर जो हैं. करेंगे भी क्या, बाबा पर पद जो हावी है. फिर कहां दिखता है कुछ और.
कॉलेज में नाम लिखा लिया है, टेस्ट 16 को है : नगर निगम के लिए मतदान 16 अप्रैल को है. मतदान की तिथि की तारीख नजदीक आने से प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं.
कई प्रत्याशी अब मतदाताओं से यह कह रहे हैं कि कॉलेज में नाम लिखा लिया है. परीक्षा के दिन भी दस दिन से कम बचे हैं. प्रत्याशियों में महिलाएं बढ़ चढ़कर जनसंपर्क अभियान चला रही हैं. कई कह रहे हैं कि चुनावी काॅलेज में उनका यह पहला कदम है.
चुनावी कालेज के मैदान में अब तो बाजीगरों से भेंट हो रही है. कोई कलाकार हैं, तो कोई खिलाड़ी. ऐसे में नये स्टूडेंट्स को अपने आप को स्थापित करने में काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि सभी समाजसेवी एक ही मंच पर लड़ रहे हैं. टॉपर कौन बनेगा, यह तो मतदान के बाद पता चलेगा.