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जेपीएससी ने फिर से रिजल्ट जारी करने का सरकार का आग्रह ठुकराया, हाइकोर्ट के फैसले के बाद लेगा निर्णय

IIसंजीव सिंहII रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग ने नये कट ऑफ मार्क्स के साथ छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का संशोधित रिजल्ट जारी करने के राज्य सरकार के आग्रह को फिलहाल मानने से इंकार कर दिया है. आयोग ने उच्चस्तरीय बैठक कर इस मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले का इंतजार करने का […]

IIसंजीव सिंहII
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग ने नये कट ऑफ मार्क्स के साथ छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का संशोधित रिजल्ट जारी करने के राज्य सरकार के आग्रह को फिलहाल मानने से इंकार कर दिया है.
आयोग ने उच्चस्तरीय बैठक कर इस मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले का इंतजार करने का निर्णय लिया है. आयोग के इस निर्णय के बाद छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के बाद फाइनल रिजल्ट के प्रकाशन में अब और विलंब होने की आशंका है.
कैबिनेट ने किया था नियमावली में संशोधन : छठी सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया वर्ष 2015 से चल रही है. आयोग पहले ही प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दो बार जारी कर चुका है.
दो बार मुख्य परीक्षा भी स्थगित की जा चुकी है. सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग पर प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए सात फरवरी 2018 को आयोजित कैबिनेट की बैठक में नियमावली में संशोधन कर दिया था.
सरकार का मानना था कि संशोधन से अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी. मुख्य परीक्षा में शामिल होनेवाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ कर लगभग 34 हजार हो जायेगी. कैबिनेट से पास नयी नियमावली के तहत मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 34 प्रतिशत और एसटी, एससी व महिला के लिए 32 प्रतिशत प्राप्तांक तय किया गया है.
छठी सिविल सेवा सेवा प्रारंभिक परीक्षा : संशोधित रिजल्ट अभी नहीं
326 पदों पर नियुक्ति होनी है
पद संख्या
प्रशासनिक सेवा 143
वित्त सेवा 104
शिक्षा सेवा 36
सहकारिता सेवा 09
सामाजिक सुरक्षा सेवा 03
सूचना सेवा 07
पुलिस सेवा 06
योजना सेवा 18
आयोग ने ली कानूनी सलाह
सरकार की ओर से भेजे गये आग्रह के बाद आयोग ने इस पर कानूनी सलाह लेने का निर्णय लिया. आयोग ने पहली बार प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट स्केलिंग पद्धति के तहत जारी किया था, इसमें 5138 अभ्यर्थी सफल हुए थे.
इसके बाद काफी हंगामा हुआ. न्यायालय के आदेश के आलोक में आयोग ने संशोधित रिजल्ट जारी किया. इसमें 6103 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किये गये.
आयोग का मानना था कि संशोधित रिजल्ट न्यायालय के आदेश के आलोक में ही जारी किया गया था. इसके लिए इसमें कानूनी सलाह लेना आवश्यक है. अायोग के अधिवक्ता ने यह कह कर संचिका लौटा दी कि इस मामले में आयोग ही अपने से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

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