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हजारीबाग-कोडरमा में अवैध खनन, विशेषज्ञों की समिति ने NGT को सौंपी रिपोर्ट, टास्क फोर्स बनाकर रोकेने का आदेश

नयी दिल्ली /रांची : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने अपनी रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर 27 अप्रैल को एनजीटी में सुनवाई होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारीबाग और कोडरमा में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर वैध और अवैध पत्थर खदान […]

नयी दिल्ली /रांची : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने अपनी रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर 27 अप्रैल को एनजीटी में सुनवाई होगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारीबाग और कोडरमा में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर वैध और अवैध पत्थर खदान चल रही हैं. नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. कई खदान सुरक्षित वन क्षेत्र में हैं. कई खदान मालिकों ने सुरक्षित वन क्षेत्र के पहाड़ को भी काट कर बेच दिया है. इससे वन क्षेत्र और ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
वन क्षेत्र में अवैध खनन से पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है. समिति ने एनजीटी के निर्देश पर हजारीबाग और कोडरमा में चल रहे पत्थर खदानों और क्रशरों का निरीक्षण किया था. इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता पायी थी. समिति ने अनुशंसा की है कि टास्क फोर्स बना कर अवैध रूप से चल रहे खनन कार्य तत्काल रोके जायें.
हजारीबाग में 14, कोडरमा में आठ खदानों का निरीक्षण : समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान खदान मालिकों की ओर से मजदूरों के लिए किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं करने का मामला भी प्रकाश में आया है. समिति ने हजारीबाग की 14 और कोडरमा की आठ खदानों का निरीक्षण किया.
पाया कि मालिकों ने पत्थर निकालने के लिए खदानों को जरूरत से ज्यादा गहरा कर दिया है. इन खदानों के पास डायरेक्टर जेनरल अॉफ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस) की ओर से तैयार किया गया माइनिंग प्लान नहीं था. डीप होल ब्लास्टिंग करने की बात भी सामने आयी. कुछ बंद खदान बहुत ही खतरनाक स्थिति में पायी गयी. इन खदानों को बंद करने की कोई योजना नहीं बनायी गयी है.
खनन क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर को निर्धारित सीमा में हो
रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारीबाग से कोडरमा जाने के क्रम में समिति को सैकड़ों क्रशर खुले में चलते मिले. कई क्रशर वन क्षेत्र और सड़क किनारे भी पाये गये.
इस क्षेत्र में अवैध खदान भी धड़ल्ले से चल रही हैं. समिति ने खदानों के निरीक्षण के बाद राज्य में वैध या अवैध खनन के सहारे पहाड़ों को नष्ट करने पर पाबंदी लगाने की अनुशंसा की है.
खनन क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर को निर्धारित सीमा में रखने और मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर आवासीय और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है. इसके अलावा खदान और क्रशर में काम करनेवाले मजदूरों के लिए सुरक्षित तरीके से सांस लेने को लेकर आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करने और उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की भी अनुशंसा की है.
प्रदूषण नियंत्रण की राशि उसी मद में खर्च हो
समिति ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित राशि को उसी मद में खर्च करने का सुझाव दिया है. खदान और क्रशर मालिकों को संबंधित क्षेत्र में सीएसआर एक्टिविटी करने के लिए एक रुपये प्रति टन के हिसाब से राशि जमा करने का सुझाव दिया है.
क्रशर और खदानों को वन क्षेत्र से दूर रखने के लिए निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन कराने को कहा है. खदान व क्रशर इलाके के 33 प्रतिशत क्षेत्र में पौधारोपण की अनुशंसा की है. खनन से जुड़े जिन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से अधिक है, वहां पानी का छिड़काव करने का सुझाव दिया है.
टास्क फोर्स बना कर अवैध रूप से चल रहे खनन कार्य तत्काल प्रभाव से रोकने की अनुशंसा की है. वैज्ञानिक तरीके से खनन के लिए सरकार द्वारा जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता बतायी है. साथ ही वैध खदान सभी नियमों का अनुपालन करे, इसके लिए उचित व्यवस्था करने की अनुशंसा की है.
नियमों का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में चल रही हैं वैध व अवैध पत्थर खदानें
समिति ने क्या-क्या की है अनुशंसा
टास्क फोर्स बना कर अवैध खनन कार्य राेके जायें
पहाड़ों को नष्ट करने पर पाबंदी लगे
खदान व क्रशर मालिकों प्रति टन एक रुपये सीएसआर एक्टिविटी में दें
खदान व क्रशर इलाके के 33 प्रतिशत क्षेत्र में पौधारोपण हाे
क्रशर और खदानों को वन क्षेत्र से दूर रखने के लिए निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन हो
मजदूरों को कार्यस्थल पर आवासीय व चिकित्सा सुविधा मिले़ उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच हो समिति ने पाया
हजारीबाग से कोडरमा जाने के क्रम में सैकड़ों क्रशर खुले में चल रहे
कई क्रशर वन क्षेत्र और सड़क किनारे भी
इस क्षेत्र में अवैध खदान भी धड़ल्ले से चल रही
डीप होल ब्लास्टिंग करने की बात भी सामने आयी
खदानों के पास डीजीएमएस की ओर से तैयार किया गया माइनिंग प्लान नहीं
जांच कमेटी में कौन-कौन : सत्यप्रकाश बनाम वन मंत्रालय के मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने विशेषज्ञों की कमेटी बना कर हजारीबाग और कोडरमा में चल रही वैध और अवैध खदानों के निरीक्षण का आदेश दिया था. 29 जनवरी 2018 को दिये गये इस आदेश के आलोक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन मंत्रालय, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आइएसएम धनबाद से विशेषज्ञों को लेकर समिति बनायी गयी.
इसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से डॉ रीता साहा, आइएसएम धनबाद से प्रो सतीश कुमार सिन्हा, वन मंत्रालय से राजीव रंजन और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आरएन कश्यप को शामिल किया गया. टीम ने पांच मार्च 2018 को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी के साथ बैठक की.
इसके बाद समिति के सदस्य हजारीबाग पहुुंचे. वहां उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसडीओ हजारीबाग, डीएफओ वाइल्ड लाइफ, एएमओ और कुछ खदान मालिकों के साथ विचार-विमर्श किया. इसके बाद समिति ने हजारीबाग और कोडरमा की कुल 22 खदानों का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सौंपी.
किस खदान/क्रशर में क्या मिला
खान-क्रशर टिप्पणी
मेराल सिंदुर 1 सिर्फ क्रशिंग यूनिट
मेराल सिंदुर 2 सिर्फ क्रशिंग यूनिट
तिलरा(वन क्षेत्र) वन क्षेत्र से निर्धारित
दूरी का अनुपालन नहीं
पबरा किसी भी नियम का पालन नहीं
डुमरों कोई वैध दस्तावेज नहीं
डुमरों- पेट्रोल पंप के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं
अदार पदमा बंद खदान
अदार पदमा बंद खदान
शिवा स्टोन चिप्स टेप्सा किसी नियम का पालन नहीं
पचरुखी तिलैया बंद खदान
बबनी हिल्स लोकेशन 1 सुरक्षित वन क्षेत्र में पहाड़
काट दिया गया है
बबनी हिल्स लोकेशन2 सुरक्षित वन क्षेत्र में पहाड़ को आंशिक रूप से काट दिया गया
स्थानीय जंगल(सुरक्षित वन) सुरक्षित वन क्षेत्र में
भूमिगत खदान
डोमचांच चांचला पहाड़ी माइंस-1 किसी नियम का पालननहीं
डोमचांच चांचला पहाड़ी माइंस-2 किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है
चांचला पहाड़ी ओबी डंप पहाड़ आंशिक रूप से कटा है
सिरसावा कोडरमा (आरएफ) सुरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खदान
भीमोडीह जयनगर किसी नियम का पालन नहीं
खरखार कोडरमा किसी नियम का पालन नहीं
थाम कोडरमा किसी नियम का पालन नहीं

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