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लालू ने सीबीआइ अदालत के फैसले को दी चुनौती, दुमका कोषागार मामले में हुई है अधिकतम 14 साल की सजा

रांची : चारा घाेटाले के आरसी-38ए/96 मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सीबीआइ अदालत के फैसले को चुनाैती दी है. इस संबंध में झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि सीबीआइ अदालत का फैसला सही नहीं है. किसी […]

रांची : चारा घाेटाले के आरसी-38ए/96 मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सीबीआइ अदालत के फैसले को चुनाैती दी है.
इस संबंध में झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि सीबीआइ अदालत का फैसला सही नहीं है. किसी भी व्यक्ति को एक साजिश के लिए कई बार सजा नहीं दी जा सकती है. यह संविधान के आर्टिकल 20(2) का उल्लंघन है. अदालत ने उन्हें तीन अन्य मामलों में अलग-अलग सजा सुनायी है. प्रार्थी ने सीबीआइ अदालत के दुमका कोषागार से संबंधित मामले में दिये गये फैसले को निरस्त करने की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के आरसी-38ए/96 मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा सुनायी है. साथ ही 30 लाख का जुर्माना भी लगाया है. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के इस मामले में सीबीआइ अदालत ने लालू प्रसाद सहित 19 आरोपियों को सजा सुनायी थी.
दुमका कोषागार मामले में लालू को हुई है अधिकतम 14 साल की सजा : सीबीआइ अदालत ने 23 मार्च को आरसी-38ए/96 के दुमका कोषागार मामले में सबसे अधिक 14 साल की सजा सुनायी है. 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
अदालत ने आइपीसी के तहत सात साल व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत सात साल की सजा सुनायी थी. दोनों सजाएं साथ-साथ नहीं चलेंगी. सात साल की सजा काटने के बाद लालू प्रसाद को पुन: सात साल की सजा काटनी होगी. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर अलग से सजा भुगतनी पड़ेगी.

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