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जर्जर इमारत कहीं बिगाड न दे RU का अर्थशास्‍त्र, जानिये क्‍यों…

रांची : सालों पहले बनी रांची विश्वविद्यालय की कई इमारतें अब जर्जर हो गयी हैं आलम यह कि समय रहते इन इमारतों की मरम्‍मत नहीं करायी गयी, तो कई दुघटनाएं भी हो सकती हैं. कमोबेश यही आलम अर्थशास्‍त्र विभाग का भी है. इस विभाग की ऊपरी मंजिल तक जाने वाली सीढ़ी काफी जर्जर हो चुकी […]

रांची : सालों पहले बनी रांची विश्वविद्यालय की कई इमारतें अब जर्जर हो गयी हैं आलम यह कि समय रहते इन इमारतों की मरम्‍मत नहीं करायी गयी, तो कई दुघटनाएं भी हो सकती हैं. कमोबेश यही आलम अर्थशास्‍त्र विभाग का भी है. इस विभाग की ऊपरी मंजिल तक जाने वाली सीढ़ी काफी जर्जर हो चुकी है और जर्जरता के कारण इसकी छतें भी टपकने लगी हैं इस वजह से यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. सीढि़यों से होकर प्रत्‍येक दिन हजारों की संख्‍या में छात्र पढ़ाई करने अपनी-अपनी क्‍लास में जाते हैं.

बुधवार की दोपहर करीब 3.30 से 4.00 बजे के बीच भी इस विभाग के कुछ छात्र- छात्राएं छत टपकने के कारण दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गये. विभाग के छात्रों का कहना है कि जब वे क्‍लास खत्‍म करने के बाद सीढ़ी से नीचे उतर रहे थे, तो उस वक्‍त सीढ़ी का अंदरुनी हिस्‍सा अचानक झड़कर नीचे की सीढि़यों में गिर गया. हालांकि इस हादसे में किसी को चोट नहीं आयी.

गौरतलब है यह सीढ़ी दो विभाग को जोड़ती है. यहां पत्रकारिता विभाग और अर्थशास्‍त्र विभाग एक ही बिल्‍डिंग में चलाये जाते हैं और इन दोनों विभागों में पढने वाले विद्यार्थी उसी जर्जर सीढ़ी से होकर अपनी कक्षाओं में जाते हैं.पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग और अर्थशास्त्र विभाग की दीवारें भी कमजोर हो चुकी हैं. दीवार में कई दरारें आ गयी हैं, वहां की सीढीयां कमजोर हो गयीं हैं और सीढ़ी के बाउंड्री भी कमजोर हो गये हैं. जिससे वहां से गुजरने वाले छात्रों पर हमेशा खतरा बना रहता है.

पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग के छात्रों ने बताया कि ऐसी घटना की संभावना पहले से ही बनी हुई थी. हम आपस में इस बारे में बातें भी करते थे और आज ऐसा हुआ भी. एक अन्‍य छात्र ने कहा, हम यहां पढाई करने आते हैं और बिल्डिंग की यह हालत देखकर हमेशा डरे हुए रहते हैं.

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