रांची : झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापसी करना चाहते थे. अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने के लिए भी तैयार थे. इस संबंध में मरांडी ने दलादली में एक बैठक भी बुलायी थी. इतना ही नहीं, घर वापसी के लिए उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी बातचीत की थी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की मजबूत स्थिति को भांपते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया था.
ये बातें खादी बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता संजय सेठ ने शुक्रवार को दल-बदल मामले की सुनवाई के दौरान अपनी गवाही में कहीं. संजय सेठ विधानसभा के न्यायाधिकरण में विधायक जानकी यादव की ओर से बतौर गवाह पेश हुए थे. श्री सेठ ने कहा कि घर वापसी के लिए मरांडी ने शाह के साथ-साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी बातचीत की थी.
श्री सेठ ने दावा किया कि मरांडी का बैकग्राउंड चूंकि भाजपा का रहा है, उनकी लगातार बातचीत होती रहती है. उन्होंने कहा कि फरवरी, 2015 में मरांडी ने दलादली में जो बैठक की थी, उसमें भाजपा में उनकी वापसी और जेवीएम के विलय पर चर्चा हुई थी.