रांची : भारत सरकार ने नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों पर कठोर निर्णय लेते हुए पॉक्सो एक्ट में बदलाव पर मुहर लगा दी है. फैसले के मुताबिक 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के मामले में दोषी को फांसी की सजा दिये जाने का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त रेप केस की जांच और सुनवाई में तेजी के लिए भी सुधार किये जायेंगे. वर्तमान में पॉक्सो एक्ट के तहत कम से कम सात साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. इस पर राजधानी की महिलाओं ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले से एक कड़ा संदेश जायेगा और अपराधी दुष्कर्म करने से पहले सौ बार सोचेंगे.
सरकार के इस फैसले का स्वागत करती हूं. हाल के दिनों में घटी इन घटनाओं को देखते हुए ऐसी सजा की मांग हो रही थी. इस अपराध के लिए जितनी भी सजा दी जाये कम है.ऐसे अपराध के लिए, तो फांसी की सजा ही होनी चाहिए.
– आरती कुजूर, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग
21 वीं सदी की बात की जाये तो महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. दुष्कर्म की सजा अगर कुछ होनी चाहिए, तो बस उस दुष्कर्मी को उन बच्चियों की मां को सौंप देना चाहिए. बलात्कारियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती हूं.
– डॉली दुबे, समाज सेवी
यह सरकार का बहुत अच्छा निर्णय है. लोग रेप को मामूली तरीके से लेते हैं. समाज हर बार लड़की और उसके अभिभावक को ही दोषी मानता है़ फांसी की सजा से यह संदेश जायेगा कि अपराध कैसा भी हो सजा जरूर मिलती है.
– सीमा प्रसाद, सहायक प्रोग्राम ऑफिसर, आरएमएसए
यह सही निर्णय है. इससे अन्य दोषियों के मन में डर बैठ जायेगा और दोबारा ऐसा गलत काम नहीं करेंगे. वहीं उम्रकैद या सात साल की सजा मिलने पर दोषियों का मनोबल नहीं बढ़ेगा. यह निर्णय पहले ही हो जाना चाहिए था. इसे सख्ती से पालन करना चाहिए.
– नेहा, बिजनेस वीमेन
12 वर्ष तक की बच्चियों से रेप दोषियों को फांसी की सजा सही है, लेकिन अन्य बलात्कार के दोषियों को सजा फांसी ही होनी चाहिए. इससे उन्हें सबक मिलेगा और बलात्कार जैसी घटनाएं कम होंगी. बलात्कार जैसी घटना पर लगाम लगाने के लिए पहला स्टेप है.
– डॉ श्वेता कांता,स्त्री रोग विशेषज्ञ
कानून में बदलाव का यह पहला कदम माना जा सकता है. अब यह देखना होगा कि यह कैसे काम करता है. सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया है. कानून में बदलाव के साथ लोगों के मानसिकता और समाजीकरण में बदलाव की जरूरत है.
-डॉ रश्मि माला साहू, प्रोफेसर
यह फैसला काफी अच्छा है. इससे दोषियों के मन में डर बैठ जायेगा. वे डर से भी इस तरह का गंदा काम नहीं करेंगे. एक-दो दोषियों को फांसी मिलने से सभी दोषियों को सबक मिलेगा. रेप केस में पीड़ित और उसके परिवार को इस तरह से काफी खुशी होगी.
– पूजा सिंह, गृहिणी
फांसी की सजा मुझे उचित नहीं लगती है. क्रिमिनल अमेन्टमेंट एक्ट 2013 के अनुसार 16 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार गंभीर अपराध माना गया है. मेरे ख्याल से उक्त कानून को प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाना चाहिए.
रेशमा सिंह, मानव अधिकार कार्यकर्ता