चान्हो : सर्वधर्म समभाव व इंसानियत कायम करने पर दिया बल

गंगा-जमुनी संस्कृति की हिफाजत के लिए आगे आना होगा : मौलाना मदनी जो धर्म के प्रति कट्टर, वह अपने ईश्वर से डरता है : स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य चान्हो : प्रखंड के चटवल गांव में रविवार को राष्ट्रीय एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया. अजान एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, जमीअत उलमा-ए-हिंद, मरकजी मजलिसे उलमा झारखंड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2018 8:15 AM
गंगा-जमुनी संस्कृति की हिफाजत के लिए आगे आना होगा : मौलाना मदनी
जो धर्म के प्रति कट्टर, वह अपने ईश्वर से डरता है : स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य
चान्हो : प्रखंड के चटवल गांव में रविवार को राष्ट्रीय एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया. अजान एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, जमीअत उलमा-ए-हिंद, मरकजी मजलिसे उलमा झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से कई नामवर हस्तियों के अलावा जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, मुंबई के सनातन धर्मगुरु महंत बाबा सत्यनाम दास, कानपुर के स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य, कर्नाटक के पूर्व पुलिस कमिश्नर यू निसार अहमद, मौलाना खालिद बेग नदवी मुख्य रूप से शामिल हुए.
सम्मेलन में मौलाना मदनी ने राष्ट्रीय एकता के लिए समाज में सर्वधर्म समभाव व इंसानियत को कायम करने पर बल दिया. कहा कि फूट डालो व शासन करो कि सियासत को समझना होगा. सभी को गंगा-जमुनी संस्कृति की हिफाजत व समाज में भाईचारा बरकरार रखने के लिए आगे आना होगा. स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने कट्टरपंथ की परिभाषा बतायी. कहा कि अपने धर्म व पंथ का कट्टरता से पालन करना ही कट्टरपंथ है.
जो अपने धर्म के प्रति कट्टर है, वह अपने ईश्वर से डरता है व बुराई से दूर भागता है. जिस इंसान में अल्लाह व ईश्वर का डर नहीं होता, वही समाज में बुराई करता है. बाबा सत्यनाम दास ने अपनी गलती को स्वीकारने को भी इंसानियत बताया. कहा : ये नफरत बुरी है न पालो इसे, ये खलिस है दिल से निकालो इसे, न तेरा न मेरा ये वतन है सबका, बचा लो इसे. मौलाना खालिद बेग नदवी, इमारते शरिया रांची के मुफ्ती मौलाना अनवर कासमी सहित कई लोगों ने विचार रखे.
यूपी के असअद बस्तवी ने नात प्रस्तुत किया. संचालन पटना के मौलाना अब्दुल वदूद कासमी ने किया. मौके पर पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, मौलाना महमूद कासमी, मौलाना सिदिक मजाहिरी, मौलाना अल्ताफ हुसैन कासमी, मौलाना अख्तर हुसैन मजाहिरी, मौलाना ओबैदुल्लाह कासमी, मौलाना मंजूर कासमी, मौलाना रफीक, मौलाना शौकतुल्लाह, मो जमील उर्फ डब्लू, मो अशरफुल उर्फ भोलू, मो अल्ताफ उर्फ बीडीओ, साबिर खान, मो अब्दुल्लाह, मो इब्राहिम, जियाउर्रहमान, तनवीर आलम, हाजी मंजूर, मो गेयास, जुल्फान अंसारी, मो मोजिबुल्लाह सहित अन्य उपस्थित थे.

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