रांची : विभागों के समन्वय से ही दूर होगा कुपोषण : लुइस मरांडी

रांची : समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा है कि कुपोषण केवल समाज कल्याण विभाग के प्रयास से दूर नहीं हो सकता है. इसके लिए विभागों को आपसी तालमेल से काम करना होगा. कुपोषण मिटाने में कई विभागों का महत्वपूर्ण रोल हो सकता है. इसमें कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य आदि शामिल है. श्रीमती मरांडी मंगलवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2018 4:59 AM
रांची : समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा है कि कुपोषण केवल समाज कल्याण विभाग के प्रयास से दूर नहीं हो सकता है. इसके लिए विभागों को आपसी तालमेल से काम करना होगा. कुपोषण मिटाने में कई विभागों का महत्वपूर्ण रोल हो सकता है. इसमें कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य आदि शामिल है.
श्रीमती मरांडी मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में राष्ट्रीय पोषण मिशन के एक दिनी राज्य स्तरीय ओरिएंटेशन कार्यशाला में बोल रही थीं. श्रीमती मरांडी ने कहा कि यह समन्वय जिला स्तर पर भी होना चाहिए. महीने में एक बार बैठक कर स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए. समाज कल्याण नोडल विभाग होने के नाते अपना प्रयास करते रहेगा. उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि एक वैसे केंद्र को चिह्नित कर लें, जहां ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं.
उसको प्राथमिकता के आधार पर अधिकारी गोद लेकर दुरुस्त करें. समाज कल्याण विभाग के सचिव विनय चौबे ने कहा कि अगले तीन साल में कम विकसित होने वाले बच्चों की संख्या को छह फीसदी कम करना है. सरकार ने 10 फीसदी एनिमिया पीड़ित महिलाओं को भी दुरुस्त करने की योजना रखी है.
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए मुखबिर योजना चलायी जायेगी. झारखंड में युवतियां कई तरह की शारीरिक समस्या से गुजरती हैं.
राज्य में करीब 38 फीसदी युवतियों की शादी 18 साल की उम्र के आसपास हो जाती है. यह राष्ट्रीय औसत (26.8) से काफी अधिक है. जल्दी शादी होने से जल्द गर्भवती होने का मामला सामने आता है. इससे कई तरह की समस्या होती है. अगर कोई युवती 16 साल से कम उम्र में गर्भवती होती है, तो मातृ मृत्यु दर चार गुणा अधिक हो जाती है. इस मौके पर राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक डीके सक्सेना और यूनिसेफ की मधुलिका जोनाथन ने भी विचार रखा.

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