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झारखंड : रिम्स का निरीक्षण करने पहुंचीं स्वास्थ्य सचिव निधि खरे, कहा, ठीक से काम नहीं करना है, तो इस्तीफा दे दीजिये
रांची : स्वास्थ्य सचिव सबसे पहले इमरजेंसी पहुंची. इमरजेंसी के बाहर जमीन पर बैठे लोगों को देख कर वह नाराज हुईं. निदेशक को मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसके बाद वह इमरजेंसी में स्थित मृत्यु प्रमाण के पंजीयन कक्ष में गयीं. उन्होंने पूछा : कितने लोगों का मृत्यु […]
रांची : स्वास्थ्य सचिव सबसे पहले इमरजेंसी पहुंची. इमरजेंसी के बाहर जमीन पर बैठे लोगों को देख कर वह नाराज हुईं. निदेशक को मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसके बाद वह इमरजेंसी में स्थित मृत्यु प्रमाण के पंजीयन कक्ष में गयीं. उन्होंने पूछा : कितने लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रतिदिन बनता है?
उन्होंने कंप्यूटर पर डाटा दिखाने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारी ने बताया कि इंटरनेट काम नहीं कर रहा है, इसलिए दिखाना संभव नहीं है. उपाधीक्षक गोपाल श्रीवास्तव से पूछा कि आखिर महीनों मृत्यु प्रमाण पत्र में क्यों लगता है? इमरजेंसी पंजीयन काउंटर पर सूचना चस्पां करायें कि आधार कार्ड में जो नाम व पता हो, उसी से पर्ची कटवायें. हर हाल में 21 दिन में लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया.
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव इमरजेंसी वार्ड पहुंचीं, जहां कई बेड खाली पड़े हुए थे. उन्होंने निदेशक से पूछा कि मरीजों की संख्या इतनी कम क्यों है? ड्यूटी कर रहे जूनियर डॉक्टरों से एक-एक मरीज की बीमारी के जानकारी ली.
वेंटिलेटर पर इलाजरत 30 साल की सीमा देवी की पूरी जानकारी ली. मरीजों से पूछा कि आपको समय पर इलाज मिला या नहीं? मरीजों ने समय पर इलाज की बात कही. मौके पर रिम्स के निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव, अधीक्षक डॉ एसके चौधरी, डिप्टी डायरेक्टर गिरिजाशंकर प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ गोपाल श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.
मेडाल और रिम्स दोनों में जांच का एक नियम हो : इमरजेंसी के ओटी में काम कर रहे जूनियर डॉ अजीत कुमार से स्वास्थ्य सचिव ने ऑपरेशन टेबल पर लेटी महिला मरीज के बारे में पूछा.
डॉ अजीत ने बताया कि मरीज के जांच को मुफ्त कराना है, क्योंकि लाल कार्ड है. किसी ने कहा कि मेडाल तो राशन कार्ड तक में जांच कर देता है, जबकि, रिम्स में मुफ्त जांच के लिए लाल कार्ड लेकर घूमना पड़ता है. इस पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एक जगह दो नियम क्यों? रिम्स व मेडॉल के लिए एक कानून बनायें.
…और आधे घंटे में ही गद्दे की जगह लग गया बेड : डॉ जेके मित्रा की यूनिट में मरीजों को जमीन पर गद्दा लगाकर इलाज कराते देख स्वास्थ्य सचिव नाराज हो गयीं. उन्होंने पूछा कि जब गद्दा लग सकता है, तो बेड क्यों नहीं.
अधीक्षक डॉ एसके चौधरी को एक घंटा के अंदर बेड लगाने का निर्देश दिया. अधीक्षक को कहा कि मेरे पास बेड लगाने के बाद ही सामने आइयेगा. सचिव के आदेश ने एक घंटा का समय दिया था, लेकिन वार्ड में बेड आधा घंटे के अंदर ही लग गया.
स्वास्थ्य सचिव ने यहां किया निरीक्षण
– इमरजेंसी, दिन के 11:45 बजे
ये कमियां पायी : मरीज जमीन पर बैठे थे. अनावश्यक भीड़ थी.
यह दिया निर्देश: मृत्यु प्रमाण पत्र के पंजीयन का काउंटर बनाने का निर्देश. आवश्यक कागजात की जानकारी चस्पां कराने काे कहा. हरहाल में 21 दिन में मृत्यु प्रमाण जारी करने का निर्देश.
– ब्लड बैंक, दोपहर 12:05 बजे
ये कमियां पायी : फ्रीज व एसी खराब था.
यह दिया निर्देश : कंपोनेंट का उपयोग करने का निर्देश, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को ज्यादा से ज्यादा मरीज को लाभ मिले. थैलेसिमिया व हिमोफिलिया वाले मरीज के परिजन की स्क्रीनिंग कराने का निर्देश, जिससे पहले से मरीज को पता हो.
– मेडिसिन, दोपहर 12:35 बजे
ये कमियां पायी : जमीन पर मरीजों को इलाज चल रहा था. बेतरतीब तरीकों से मरीज को रखा गया था. बेड पर मरीज का डिटेल नहीं था.
यह दिया निर्देश: गद्दा की जगह वार्ड में बेड लगाने, मरीजों के बेड पर उनकी पूरी डिटले चार्ट व मरीज को क्या-क्या दवा चल रहा है, उसकी जानकारी. मरीज को क्या डायट देनी है.
– हड्डी विभाग, दोपहर 1:00 बजे
ये पायी कमियां : मरीज की सही ड्रेसिंग नहीं हुई थी. मरीज फर्श पर पड़े हुए थे.
यह दिया निर्देश: वार्ड में गद्दा की जगह बेड लगाने का निर्देश. मरीजों को सही तरीके से ड्रेसिंग करने को कहा .
– किचन, दोपहर 1:10 बजे
ये कमियां पायी : मक्खियां भिनभिना रही थीं. रोटी मेकर मशीन खराब थी. वाटर कूलर खराब था. एक फ्रीजर खराब. नया फ्रीजर तैयार, लेकिन स्टेपलाइजर नहीं होने के कारण बंद.
यह दिया निर्देश : शुद्ध पानी की व्यवस्था का निर्देश, नया फ्रीजर को तत्काल शुरू कराने व फ्रीजर को चालू कराने को कहा.
– लेबर रूम, दोपहर 1:30 बजे
ये कमियां मिली : गर्भवती महिलाओं के लिए वर्तमान आइसीयू ठीक नहीं. महिलाओं को प्रोपर केयर नहीं मिल रहा था.
यह दिया निर्देश : लेबर रूम में आइसीयू बनाने का निर्देश, एसआर व मैन पावर को नियुक्त करने काे कहा.
– शिशु विभाग, दोपहर 2:00 बजे
ये कमियां पायी : शिशु आइसीयू मेें जगह की काफी कमी. एक बेड पर दो से तीन मरीज.
यह दिया निर्देश : आइसीयू को अपग्रेड करने का निर्देश. सीनियर डॉक्टरों को यह पता करने काे कहा कि आखिर बच्चों को आइसीयू में आने की आवश्यकता क्यों पड़ती है? नवजात की माता की पूरी हिस्ट्री लेने को कहा. डॉक्टरों को कहा यह आपके लिए शोध में काम आयेगा.
– डेंटल कॉलेज, दोपहर 2:25 बजे
ये कमियां पायी : मरीजों के बैठने की व्यवस्था नहीं. मरीजों की संख्या कम थी, सिर्फ 77 मरीज ही ओपीडी में परामर्श लिये थे. डेंटल स्टूडेंट ने हॉस्टल, पीने के पानी, प्रैक्टिकल, लाइब्रेरी में बुक की समस्या को बतायी.
यह दिया निर्देश : कुर्सी लगाने, मरीजों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. हॉस्टल, पीने की पानी, प्रैक्टिकल को शुरू कराने व लाइब्रेरी में बुक उपलब्ध कराने को कहा. मैन पावर के लिए नयी सिरे से आउटसोर्सिंग एजेंसी बहाल करने का निर्देश.
पेईंग वार्ड, दोपहर 2:35 बजे
ये कमियां पायी : अभी पूरी तरह से तैयार नहीं मिला. गंदगी चारों तरफ व्याप्त थी. भवन में अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं था.
यह दिया निर्देश: कमियों को दूर करने का निर्देश, मैन पावर के लिए बैठक करने, बिजली का कनेक्शन एक सप्ताह में देेने का निर्देश. शीघ्र उदघाटन की तिथि तय करने को कहा.
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