रेलवे का राजस्व करोड़ों में, पर यात्री सुविधाएं नदारद
रांची : झारखंड चेंबर का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को रांची रेल मंडल के डीआरएम वीके गुप्ता से उनके कार्यालय में मिला. चेंबर के सदस्यों ने कहा कि चक्रधरपुर और धनबाद से ही रेलवे को लगभग 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है. इसके बाद भी रेलवे परियोजनाओं में बढ़ोतरी और यात्री सुविधाओं में […]
रांची : झारखंड चेंबर का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को रांची रेल मंडल के डीआरएम वीके गुप्ता से उनके कार्यालय में मिला. चेंबर के सदस्यों ने कहा कि चक्रधरपुर और धनबाद से ही रेलवे को लगभग 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है. इसके बाद भी रेलवे परियोजनाओं में बढ़ोतरी और यात्री सुविधाओं में झारखंड को उपेक्षित रखा जाता है, जबकि चक्रधरपुर का जोनल ऑफिस कोलकाता और धनबाद का जोनल ऑफिस हाजीपुर में है. रेलवे के जीएम कोलकाता और हाजीपुर में बैठते हैं.
चेंबर अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया ने कहा कि चेंबर रेलमंत्री से यह मांग करेगा कि जोनल ऑफिस को रांची शिफ्ट किया जाये, ताकि झारखंड में रेलवे का विस्तारीकरण हो सके. इसके साथ ही चेंबर ने अन्य महानगरों की तर्ज पर रांची से टाटा-धनबाद-बोकारो-गोमो-गढ़वा के लिए लोकल ट्रेन चलाने का सुझाव दिया.
कहा कि लोकल ट्रेनों के परिचालन से नौकरीपेशा लोगों के अलावा आमजनों को भी यात्रा करने में काफी सुविधा होगी. इसी प्रकार रांची स्टेशन पर आधुनिक फूड काउंटर खोलने और सभी स्टेशनों पर एमआरपी पर ही सामान उपलब्ध सुनिश्चित कराने की मांग की गयी.
इसी प्रकार नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, रांची गरीब रथ, क्रिया योग एक्सप्रेस, एलटीटी एक्सप्रेस, हटिया यशवंतपुर एक्सप्रेस और हटिया पुणे एक्सप्रेस में तृतीय श्रेणी वातानुकूलित कोच की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया. प्रतिनिधिमंडल ने हटिया- पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में प्रथम श्रेणी वातानुकूलित कोच उपलब्ध कराने की मांग की. श्री गाड़ोदिया ने कहा कि इस मुद्दे पर डीआरएम ने हमारी बातों को गंभीरतापूर्वक सुना. प्रतिनिधिमंडल में चेंबर के महासचिव कुणाल अजमानी, उपाध्यक्ष सोनी मेहता, रेलवे उप समिति के चेयरमैन नवजोत अलंग रूबल, सदस्य अमित शर्मा शामिल थे.