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झारखंड : फर्जी मस्टर रॉल बना कर मजदूरी मद की राशि हड़प रहे हैं बिचौलिये
चान्हो के टांगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़झाला ऐसे लोगों के नाम से मजदूरी की राशि निकाली गयी, जिन्होंने काम ही नहीं किया है चान्हो : चान्हो प्रखंड के टांगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में पसीना बहाने वाले मजदूरों की मजदूरी बिचौलिये हड़प रहे हैं. यहां मस्टर रॉल में फर्जीवाड़ा […]
चान्हो के टांगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़झाला
ऐसे लोगों के नाम से मजदूरी की राशि निकाली गयी, जिन्होंने काम ही नहीं किया है
चान्हो : चान्हो प्रखंड के टांगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में पसीना बहाने वाले मजदूरों की मजदूरी बिचौलिये हड़प रहे हैं. यहां मस्टर रॉल में फर्जीवाड़ा कर ऐसे लोगों के नाम से मजदूरी की राशि की निकासी कर ली गयी है, जिन्होंने संबंधित लाभुकों के आवास के निर्माण में कभी काम ही नहीं किया है.
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान के निर्माण के लिए लाभुक को एक लाख 30 हजार के अतिरिक्त मजदूरी मद में अलग से 15960 रुपये दिये जाने का प्रावधान है. मजदूरी मद की यह राशि लाभुक को मनरेगा से दी जाती है. बिचौलियों ने यहां फर्जी मस्टर रॉल के माध्यम से कई लाभुकों की इसी राशि की निकासी कर ली है.
टांगर निवासी प्रधानमंत्री आवास योजना की एक लाभुक (योजना संख्या-जेएच 2067909) हंजिया उरांइन ने बताया कि उसके मकान के निर्माण में रामगढ़ के एक मिस्त्री राजू उरांव के अलावा उसने स्वयं व घर के ही अन्य सदस्यों पंची उरांइन, निक्की उरांइन, पिंटू उरांव व सुनील उरांव ने सारा काम किया था और जो भी मजदूरी का भुगतान हुआ था, उन्होंने अपने स्तर से किया था.
लेकिन अब उन्हें जानकारी मिली है कि उनकी योजना के नाम पर दो मस्टर रॉल (257) व (818) के माध्यम से परवेज अंसारी, उषा देवी व अन्य लोगों के नाम से 8064 रुपये की निकासी कर ली गयी है.
कुछ ऐसा ही हाल दूसरे लाभुक (योजना संख्या जेएच-2066723) गंगू उरांव का भी है. उसने बताया कि उसके मकान के निर्माण में बढ़ैया के फागु उरांव व मांडर के पुनगी निवासी चंदा उरांव मिस्त्री तथा घर के अन्य सदस्यों बिरसी उरांइन, रीता उरांइन व पुत्र शिबू उरांव ने मजदूर के रूप में काम किया था.
लेकिन उन्हें मजदूरी के नाम पर एक पैसा नहीं मिला और उनकी योजना में मस्टर रॉल (14728), (16023) व (16363) के माध्यम से 5376 रुपये की मजदूरी की राशि की निकासी मकबूल अंसारी, अर्जुन लोहरा, ममता देवी व गंगा महली के नाम से कर ली गयी है.
जिसे वे जानते भी नहीं है. एक लाभुक बंधनी उरांइन का कहना था कि मकान बनाने के दौरान उनके यहां गनशू उरांव, सुखशांति उरांव, मानती उरांइन, सीता उरांइन व अनिता उरांव ने काम किया था.
जिसकी मजदूरी का भुगतान उसने धान बेच कर किया था. लेकिन उसकी योजना से भी मजदूरी मद से तीन फर्जी मास्टर रॉल (14727), (16362) व (256) के माध्यम से 12096 रुपये की निकासी कर ली गयी है. इसमें भी मकबूल अंसारी, विजय लोहरा व बरनबास कुजूर को मजदूर दिखाया गया है. कुछ इसी तरह का हाल लाभुक रकीब अंसारी का है.
उनकी आवास योजना के नाम से भी मजदूरी मद में 12096 रुपये की निकासी कर ली गयी है. यहां भी पैसे की निकासी मकबूल अंसारी, मनोज लोहरा, परवेज अंसारी, विजय लोहरा के नाम से की गयी है. रकीब अंसारी का कहना है कि इस नाम के लोगों ने कभी उनके यहां काम ही नहीं किया है.
जेब से दी मजदूरी, सरकार से राशि भी नहीं मिली
प्रधानमंत्री आवास योजना में मजदूरी के पैसे बिचौलियों द्वारा फर्जीवाड़ा कर निकाल लिये जाने से लाभुकों पर दोहरी मार पड़ी है. एक तो लाभुकों ने मकान बनाने के दौरान मिस्त्री व मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अपनी जेब से किया व दूसरी सरकार की ओर से मिलनेवाली मजदूरी की राशि भी उन्हें नहीं मिली.
जिसका परिणाम है कि यहां आधे से अधिक प्रधानमंत्री आवास दिखावे के लिए सिर्फ आगे में रंग रोगन कर चमका दिये गये हैं. लेकिन उसमें अब भी पूरी तरह प्लास्टर नहीं हुआ है. कहीं तो अंदर खिड़की-दरवाजा भी नहीं लगा है.
गड़बड़ी हुई है, तो कार्रवाई के लिए बीडीअो से बात करेंगे
मामले की जानकारी दिये जाने पर टांगर पंचायत के मुखिया मोहन उरांव ने कहा कि आवास योजना की मजदूरी भुगतान में शुरुआती भूमिका रोजगार सेवक, पंचायत सेवक व जनसेवक की होती है. इसमें कहीं गड़बड़ी हुई है, तो वे कार्रवाई के लिए बीडीओ से बात करेंगे.
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