झारखंड : …..जब रामटहल चौधरी ने कहा, आज नहीं तो कल हम बनेंगे आदिवासी

मोरहाबादी में दलों की बाध्यता छोड़ एक मंच पर आये कुरमी नेता रांची : रांची के सांसद सह कुरमी महाजुटान की अध्यक्षता कर रहे रामटहल चौधरी ने कहा कि आज नहीं, तो कल हम आदिवासी बनकर रहेंगे. इसके लिए हमलोगों को राजनीति से ऊपर सोचना होगा. पूरे राज्य में हमारी संख्या सबसे अधिक है. हम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2018 8:02 AM
मोरहाबादी में दलों की बाध्यता छोड़ एक मंच पर आये कुरमी नेता
रांची : रांची के सांसद सह कुरमी महाजुटान की अध्यक्षता कर रहे रामटहल चौधरी ने कहा कि आज नहीं, तो कल हम आदिवासी बनकर रहेंगे. इसके लिए हमलोगों को राजनीति से ऊपर सोचना होगा.
पूरे राज्य में हमारी संख्या सबसे अधिक है. हम नहीं लड़ते तो झारखंड अलग राज्य नहीं बनता. इस मामले में हमलोगों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है. जहां-जहां मौका मिल रहा है, हमलोग आवाज उठा रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि यह राज्य सरकार का मामला है. हमलोगों ने 43 सांसदों और विधायकों का हस्ताक्षरयुक्त पत्र मुख्यमंत्री को दिया है. उनको बता दिया है कि हमलोग कुछ भी नया नहीं मांग रहे हैं. बस अपना हक मांग रहे हैं. श्री चौधरी रविवार को मोरहाबादी में झारखंड कुरमी संघर्ष मोर्चा के कुरमी महाजुटान में बोल रहे थे.
लड़ना और मरना जानते हैं कुरमी : विद्युतवरण महतो
जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो ने कहा कि कुरमी भीख नहीं मांगते हैं. वह अपने हक के लिए लड़ना और मरना जानते हैं. ऐसा हमलोगों ने झारखंड आंदोलन के समय कर दिखाया है. झारखंड आंदोलन में मरने वालों में सबसे अधिक कुरमी ही हैं. इस समाज को आज नहीं, तो कल अधिकार देना ही होगा. पूरी तरह सीएनटी लागू कराकर हमलोगों ने समाज की जमीन बचायी. समाज के बिना राजनीति नहीं हो सकती है.
बाप आदिवासी, तो बेटा पिछड़ा कैसे हो गया : शैलेंद्र महतो
पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि कुरमी सत्य के रास्ते पर चल रहे हैं. सरकारी दस्तावेजों में हम जनजाति थे. अब हमको हटा दिया गया है. कहा जा रहा है कि हम जमीन लूट रहे हैं. यह बताना होगा कि राज्य गठन के बाद रांची, जमशेदपुर और धनबाद में किन लोगों ने जमीन लूटी. पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने टीआरआइ की रिपोर्ट नहीं भेजी थी. लेकिन, वर्तमान सरकार ने टीआरआइ की रिपोर्ट भेज दी है. इसमें जिक्र किया गया कि कुरमी के मामले में यथास्थिति बरकार रखी जाये. सरकार यह कैसे भूल जा रही है कि जिसका बाप आदिवासी था, उसका बेटा पिछड़ा कैसे हो जायेगा.
झारखंड आंदोलन में भी इतनी पुलिस नहीं रहती थी
पूर्व सांसद और कुरमी संघर्ष मोरचा के शैलेंद्र महतो ने कहा है कि रविवार को रैली में आने वाले लोगों को पुलिस प्रशासन ने काफी परेशान किया.
जगह-जगह पर लोगों को रोका गया़ जमशेदपुर से मोरहाबादी आने वाले लोगों को दूसरी ओर भेज दिया गया. कई जगहों पर पुलिस ने लोगों को शहर में घुसने नहीं दिया. ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग भटकते रहे़
श्री महतो ने कहा कि प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया जाना समझ से परे था. पुलिस की भारी बंदोबस्त से लोगों में भय व्याप्त था. रैली के दिन जितनी संख्या में पुलिस बहाल की गयी, उतना तो झारखंड आंदोलन के क्रम में भी नहीं होता था़ हम शांतिपूर्ण तरीके से रैली कर रहे थे. इसके लिए प्रशासन को सूचित भी किया गया था़
पहले जाति, फिर पार्टी की बात होगी : जयप्रकाश भाई
विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि समाज को चट्टानी एकता के आधार पर अपनी मांग रखनी होगी. हमें इसके लिए पहले जाति, फिर पार्टी की बात कहनी होगी.
सरकार को यह बता देंगे कि हमलोग अपना अधिकार लेकर रहेंगे. हमलोगों के सामने सरकार को झुकना होगा. यह संकल्प लेना होगा कि 2019 से पहले समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराकर रहेंगे.
यह अंतिम लड़ाई नहीं है : लालचंद महतो
पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा है कि कुरमी को आदिवासी में शामिल कराने की लड़ाई अंतिम नहीं है. हमलोग 1931 से 1950 तक आदिवासी थे. आज क्या स्थिति हो गयी कि हम आदिवासी नहीं रहे. अब आदिवासी में शामिल नहीं करने में कई महतो नेता सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनकी पहचान करनी होगी. समाज को कुरमी में शामिल करने के साथ-साथ दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ भी आंदोलन करना होगा.
हमारे बच्चों ने क्या गलती की है : आभा
पूर्व सांसद आभा महतो ने कहा कि हमारे बच्चों ने क्या गलती की है कि उन्हें नौकरी से वंचित किया जा रहा है. हमलोगों ने अलग झारखंड शोषण होने के लिए नहीं बनाया था. इसी शोषण के खिलाफ हमलोगों ने आंदोलन किया था. आने वाले समय में बताना होगा कि झारखंड भी गुजरात के पटेल समाज की तरह कुरमी के नाम से जाना जाये.
…तो सरकार को जाना होगा : जगरनाथ
झामुमो विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि आज 43 विधायकों ने कुरमी को एसटी सूची में शामिल करने की अनुशंसा की है. अब सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह कितनी जल्दी अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजती है. अगर 2019 तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया तो सरकार को यहां से जाना पड़ेगा.
यह याद रखना होगा कि हम कुरमी हैं : जलेश्वर
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो ने कहा कि कुरमी एसटी सूची से क्यों हटे, यह कोई नहीं जानता है. इसलिए दोबारा एसटी सूची में शामिल होना चाहते हैं तो हमें सरकार पर दबाव बनाना होगा.
हमें यह भूलना होगा कि हम किस दल में हैं. हमें केवल यह याद रखना होगा कि हम कुरमी हैं. इस मौके पर पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश, खीरू महतो, छत्रुराम महतो ने भी विचार रखा. कार्यक्रम में दुष्यंत महतो, रोशन लाल चौधरी, भुवनेश्वर महतो, जयप्रकाश महतो, गिरजा देवी, राजकुमार महतो, कुमेश्वर महतो, ब्रह्मदेव महतो, जगत महतो, इंद्रदेव महतो, रणधीर चौधरी, लंबोदर महतो आदि भी मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ राजाराम महतो व धन्यवाद ज्ञापन रेखा महतो ने किया.
रिम्स के सामने ही रोकी गयी सारी बसें
धनबाद, बोकारो, गिरिडीह आदि जिलों से आनेवाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. हरिहर सिंह रोड के समीप बैरिकेडिंग कर दी गयी थी. यहां बाहर से आनेवाली बसों को रोक दिया गया. फिर इन बसों को टुनकी टोली मैदान में ले जाकर खड़ा कर दिया गया. बस से उतर कर लोग यहां से पैदल ही मोरहाबादी पहुंचे. काफी दूर बसें रोक दिये जाने के कारण बहुत से लोग जो रैली में आये थे. वे रैली में नहीं जाकर बस में ही सवार होकर रह गये.
छऊ नृत्य देखने के लिए उमड़ी भीड़
महाजुटान में आये छऊ नृत्य के दल ने लोगों का मन मोह लिया. विभिन्न देवी-देवताओं का रूप धारण कर जब नृत्य पेश किया तो सभी लाेगों की नजरें कुछ पल के लिए ठहर गयी थीं.

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