तमाड़ के विजयगिरी में सीआरपीएफ कैंप से डेढ़ किमी की दूरी पर हुई घटना
रांची/तमाड़ : तमाड़ थाना क्षेत्र के विजयगिरी में नक्सलियों ने कुबासाल निवासी अब्राहम टोपनो (38) का गला रेत सिर धड़ से अलग कर दिया. घटना मंगलवार की रात करीब आठ बजे की है. घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने चालक अब्राहम का सवारी वाहन भी फूंक डाला. जानकारी के अनुसार अब्राहम टोपनो रात में अपनी सवारी गाड़ी से कुबासाल बाजार से सवारी लेकर आराहंगा गये थे.
आराहंगा से वापस आने के क्रम में हथियार से लैस छह-सात नक्सलियों ने उनकी गाड़ी रोकी. फिर गाड़ी से उसे खींच कर उतारा और गला रेत कर सिर धड़ से अलग कर दिया. इसके पश्चात सवारी गाड़ी में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. इससे सवारी वाहन जल कर राख हो गया. इसके बाद नक्सली तीन-चार हवाई फायरिंग करते हुए जंगल की ओर भाग गये. नक्सलियों ने इस घटना को सीआरपीएफ कैंपस से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर अंजाम दिया. पुलिस ने बुधवार को शव पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा.
इस मामले में तमाड़ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने घटनास्थल से नक्सलियों द्वारा छोड़ गये कुछ पोस्टर भी बरामद किये हैं. पोस्टर में पुलिस एसपीओ मुर्दाबाद, पीएलजीए भाकपा माओवादी जिंदाबाद के नारे लिखे हैं. इससे इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि नक्सलियों ने अब्राहम टोपनो की हत्या पुलिस मुखबिरी के आरोप में की है. हालांकि ग्रामीण एसपी ने अब्राहम के पुलिस मुखबिर होने की बात से इनकार किया है. पुलिस को आशंका है कि महाराजा नक्सली महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने इस घटना को अंजाम दिया है.
इधर घटना की सूचना मिलने के बाद रांची रेंज के डीआइजी एवी होमकर, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी और ग्रामीण एसपी भी विजयगिरी पहुंचे. घटनास्थल की जांच की. लंबे समय के बाद सीआरपीएफ कैंप से कुछ दूरी पर नक्सलियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने को लेकर पुलिस अधिकारी चिंतित हैं. डीआइजी ने पुलिस अधिकारियों और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ बैठक कर इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है.
मृतक का भतीजा पहले नक्सलियों के लिए करता था काम
जानकारी के अनुसार करीब तीन-चार साल पहले चालक अब्राहम का भतीजा जॉन भी नक्सलियों के लिए काम करता था. उसने नक्सलियों के नाम पर पैसे भी वसूले. तब जॉन को अब्राहम भी सहयोग करता था.
जब नक्सलियों को इस बात की जानकारी मिली, तब जॉन नक्सलियों से अलग होकर एक ग्रुप बना कर पीएलएफआइ के संपर्क में आया. चर्चा इस बात की भी है कि नक्सलियों को इस बात की आशंका थी कि अब्राहम पीएलएफआइ के लिए काम करता है. इसलिए वह नक्सलियों के टारगेट में था. बताया यह भी जाता है कि अब्राहम का चाचा पुलिस के लिए काम करता है.
घटना को अंजाम नक्सलियों ने दिया है. रांची रेंज के डीआइजी एवी होमकर ने खुद घटनास्थल पर आकर जांच की़ घटना के बाद सीआरपीएफ के कमांडेंट व स्थानीय पुलिस के साथ बैठक कर 15 दिनों के लिए इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है.
अजीत पीटर डुंगडुंग, ग्रामीण एसपी, रांची