रांची : दवा और तनाव के कारण डिप्रेशन में चले गये हैं लालू, 15 तरह की बीमारी से हैं पीड़ित
II राजीव पांडेय II रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव डिप्रेशन (मानसिक अवसाद) के शिकार हो गये हैं. एम्स के डॉक्टरों के अनुसार लालू यादव सेकेंड्री डिप्रेशन से पीड़ित हैं. बीमारी को चिह्नित कर डॉक्टरों ने डिप्रेशन की दवाएं भी शुरू कर दी है. लालू को डिप्रेशन की दवा नेक्सिटो दी गयी […]
II राजीव पांडेय II
रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव डिप्रेशन (मानसिक अवसाद) के शिकार हो गये हैं. एम्स के डॉक्टरों के अनुसार लालू यादव सेकेंड्री डिप्रेशन से पीड़ित हैं. बीमारी को चिह्नित कर डॉक्टरों ने डिप्रेशन की दवाएं भी शुरू कर दी है. लालू को डिप्रेशन की दवा नेक्सिटो दी गयी है.
एम्स के परामर्श पर रिम्स में इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने डिप्रेशन की दवाएं नहीं बदली है. विशेषज्ञों की मानें तो लालू को 15 तरह की बीमारी है, जिसके लिए वह 19 तरह की दवाएं ले रहे हैं. ऐसे में डिप्रेशन होना स्वाभाविक है. इसके अलावा मानसिक तनाव भी है.
डॉक्टरों से पूछा, आखिर क्यों खराब हुई किडनी
लालू प्रसाद ने रिम्स में इलाज कर रहे डॉक्टरों से पूछा है कि आखिर उनकी किडनी क्यों खराब हो गयी. इस पर डॉक्टरों ने बताया कि लंबे समय से पीड़ित डायबिटीज के 50 फीसदी मरीजों की किडनी खराब हो जाती है. वहीं 30 फीसदी ब्लड प्रेशर के कारण होता है जबकि 20 फीसदी मरीजों में किडनी खराब होने के कारणाें का पता नहीं चल पाता है.
स्थिर है लालू प्रसाद की स्थिति : निदेशक
रिम्स में भर्ती लालू की स्थिति स्थिर है. रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने बताया कि इलाज कर रहे डॉक्टरों की सूचना के मुताबिक लालू प्रसाद का शुगर लेवेल (फास्टिंग)170 था. वहीं हीमोग्लोबिन पहले से ठीक है. हीमोग्लोबिन 10. 2 है. सोमवार को मेडिकल बोर्ड पर विचार किया जा सकता है.
दोपहर में मछली, चावल व सलाद दिया
इधर, शनिवार को लालू यादव को दोपहर के भोजन में दो पीस मछली, दो राेटी, एक बाउल चावल व सलाद दिया गया. हालांकि, मछली खाने के कारण उन्हें अंडा नहीं दिया गया. वहीं सुबह के समय नाश्ता में उन्हें ओट्स, चाय, बिस्कुट आदि दिया गया.
वार्ड में प्रवेश करने वालों पर सबसे ज्यादा सख्ती
कार्डियोलॉजी विंग के दूसरे तल्ले पर भर्ती लालू के कारण आम मरीजों को वार्ड में सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश मिल रहा है. इसके साथ ही वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों को भी विजिटिंग कार्ड दिखाने के बाद ही जाने की अनुमति दी जा रही है.
जितनी बार वह बाहर निकल रहे हैं उतनी बार उनकी जांच की जा रही है. इस कारण कई मरीजों को परेशानी भी हो रही है. कुछ लोगों ने सुरक्षा कर्मियों से गुस्से में कहा कि सुबह से कितनी बार जांच हाे चुकी है, लेकिन पहचान नहीं हुई क्या. इस पर जवानों का कहना था कि जितनी बार आयेंगे-जायेंगे, उतनी बार जांच की जायेगी.
लालू यादव काहेल्थ बुलेटिन
शुगर (फास्टिंग) : 170
हीमोग्लोबिन : 10.2
क्रिएटिनिन : 1.3
यूरिया : 36
जीएफआर : 58