यूनिसेफ के सहयोग से बच्चों के पालन – पोषण को लेकर अभियान चलायेगी झारखंड सरकार
रांची : झारखंड में परिवार आधारित देखभाल को बढ़ावा देने के लिए ‘पालन पोषण संबंधी देखभाल’ के लिए स्पांसरशिप गाइडलाइन जारी किया गया है. गाइडलाइन जारी करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. यूनिसेफ, स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसाइटी और डिपार्टमेंट ऑफ वूमेन के साझा तत्वाधान में कार्यशाला के दौरान यह गाइडलाइन जारी […]
रांची : झारखंड में परिवार आधारित देखभाल को बढ़ावा देने के लिए ‘पालन पोषण संबंधी देखभाल’ के लिए स्पांसरशिप गाइडलाइन जारी किया गया है. गाइडलाइन जारी करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. यूनिसेफ, स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसाइटी और डिपार्टमेंट ऑफ वूमेन के साझा तत्वाधान में कार्यशाला के दौरान यह गाइडलाइन जारी किया गया.
बता दें यूएन कन्वेंशन (1989 ) चाइल्ड राइट के अनुसार बच्चे का सबसे बढ़िया पालन परिवारों में ही होता है. अगर किन्ही परिस्थितियों की वजह से अगर बच्चे का कोई परिवार न हो या फिर परिवार बिखर गया हो. ऐसे बच्चों का यह हक बनता है कि उन्हें विशेष सहायता और सुरक्षा मिले.
झारखंड यूनिसेफ की चीफ मधुलिका जोनाथन बताती हैं कि बच्चों के लिए परिवार बेहद अहम होता है. जब बच्चा बड़ा हो रहा हो, तो यह जरूरी हो जाता है कि उसे एक सुरक्षित वातावरण मिल सके. सरकार को ऐसी सेवाओं के लिए निवेश करना चाहिए ताकि मुश्किल हालातों में जी रहे परिवार भी बच्चों को अपने पास रख सके. जिन बच्चों के परिवार नहीं है उन्हें पालन – पोषण, आवासीय सुविधा सुनिश्चित किया जायेगा,
बच्चों के बेहतर पालन – पोषण के लिए जो भी सुविधा सबसे बेहतर हो वह उपलब्ध किया जाना चाहिए. इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम के तहत बच्चों के केयर के लिए संस्थानिक ढंग से काम करने पर जोर दिया गया है.झारखंड महिला व बाल कल्याण विभाग के सचिव विनय चौबे ने कहा कि प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य पालन – पोषण के प्रति जागरूकता पैदा करना है. इस प्रोग्राम को लागू करने के लिए हम क्षेत्रवार बंटवारा करेंगे, जो कई फेज में लागू होगा. इस प्रोग्राम में राजेश सिंह डायरेक्टर (आइसीपीस) आरती कुजूर ( चेयरपर्सेन झारखंड स्टेट कमीशन प्रोटेक्शन फॉर चाइल्ड राइट मौजूद थे.