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लालू को मिला प्रोविजनल बेल, क्या पेरोल के बाद वापस आना होगा रांची ?

रांची : बेटे की शादी में शामिल होने गये चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को आज हाईकोर्ट ने छह सप्ताह का प्रोविजनल बेल दिया है. लालू प्रसाद को तीन दिन की पेरोल अवधि पूरा करने के बाद वापस रिम्स लौटना होगा. इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लोअर कोर्ट भेजी जाएगी. कानून […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2018 5:27 PM

रांची : बेटे की शादी में शामिल होने गये चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को आज हाईकोर्ट ने छह सप्ताह का प्रोविजनल बेल दिया है. लालू प्रसाद को तीन दिन की पेरोल अवधि पूरा करने के बाद वापस रिम्स लौटना होगा. इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लोअर कोर्ट भेजी जाएगी. कानून के जानकारों के मुताबिक तीनों अस्पतालों में इलाज का रिपोर्ट कार्ड कोर्ट में पेश करना होगा. जिस दिन वो प्रोविजनल बेल के लिए रिलीज होंगे. उस दिन से छह सप्ताह की अवधि शुरू होगी.

लालू यादव अभी पेरोल पर रविवार तक है. सोमवार को पेरोल की अवधि पूरा कर लौटेंगे . इसी दिन रिम्स में भर्ती होंगे. 50 हजार रुपये का बेल बांड भरने के बाद उन्हें बेल मिलेगी. अगर सारी कानूनी कार्रवाई पूरी हो जाती है, तो सोमवार को ही रिलीज हो जायेंगे.

छह सप्ताह के प्रोविजनल बेल में इन शर्तो का रखना होगा ध्यान

रांची हाईकोर्ट ने लालू यादव को 6 हफ़्ते की मेडिकल लीव ग्रांट की है. इसका सीधा मतलब ये है कि लालू यादव अब अगले 6 हफ्ते तक जेल से बाहर रहेंगे. कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. लालू यादव को इस दौरान विदेश नहीं जा सकते हैं.हाई कोर्ट ने इस दौरान लालू प्रसाद को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की शर्त लगाई है.

खराब स्वास्थ्य के आधार पर मिला प्रोविजनल बेल

लालू की ओर से कहा गया कि उनकी 60 प्रतिशत किडनी खराब हो गई है. उनको क्रोनिक किडनी की बीमारी है. यह एम्स और रिम्स की रिपोर्ट में भी आया है. एम्स में भर्ती होने और वहां से डिस्चार्ज होने तक कोई सुधर नहीं हुआ है. लालू अब मेदंता में किडनी का इलाज और मुंबई में हृदय रोग का इलाज कराएंगे. झारखंड हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी उनकी तरफ से जमानत याचिका पर बहस कर रहे थे.

प्रोविजनल बेल की अवधि को बढ़ाने के लिए लालू यादव कर सकते है अपील

लालू यादव प्रोविजनल बेल की अवधि को बढ़ाने के लिए फिर से अपील कर सकते हैं. अगर उनका मेडिकल ग्राउंड मजबूत रहा तो इस परिस्थिति में कोर्ट उनका प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ा सकती है.

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