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झारखंड : 64% सामान्य वरीयता के लिए हटेगी प्रोन्नति पर लगी रोक

रांची : हाइकोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों की प्रोन्नति पर लगी रोक जल्द ही हटायी जायेगी. कार्मिक विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि 64 प्रतिशत सामान्य वरीयता के आधार पर कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रोन्नति दी जा सकती है. वहीं, प्रोन्नति से भरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2018 6:19 AM
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रांची : हाइकोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों की प्रोन्नति पर लगी रोक जल्द ही हटायी जायेगी. कार्मिक विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि 64 प्रतिशत सामान्य वरीयता के आधार पर कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रोन्नति दी जा सकती है. वहीं, प्रोन्नति से भरी जानेवाली 36 फीसदी सीटों को एसटी और एससी के लिए रखा जायेगा.
इससे न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं होगी.
आज सकता है कैबिनेट की बैठक में : कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव को विधि विभाग की मंजूरी मिल गयी है. जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक में लाया जा सकता है. बताया जाता है कि इसे कैबिनेट की अगली बैठक में ही लाया जा सकता है. कैबिनेट से प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद एससी-एसटी कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ देने पर रोक जारी रहेगी. हाइकोर्ट की ओर से इस मामले में कोई आदेश दिये जाने के बाद ही एससी और एसटी को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.
कार्मिक विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव, कैबिनेट की अगली बैठक में आ सकता है मामला
क्या है मामला
वन क्षेत्र के पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि वह अपने कैडर में वरीय हैं. लेकिन उन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है. वरीय की अनदेखी कर एसटी-एससी केटोगरी में उनसे कनीय को आरक्षण का लाभ देते हुए सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) में प्रोन्नति दे दी गयी. उन्होंने राज्य सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से एम नागराज बनाम केंद्र के मामले में दिये गये फैसले का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया है.
अमरेंद्र कुमार सिंह की ओर से याचिका दायर करने के बाद झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने कोई फैसला सुनाये जाने तक राज्य की सभी सेवाअों में प्रोन्नति में आरक्षण का लाभ देने संबंधी प्रावधान पर रोक लगा दी है.
प्रोन्नति पर रोक का विरोध कर रहे हैं अधिकारी-कर्मचारी
विभिन्न संवर्गों के अधिकारी व कर्मचारी कार्मिक विभाग की ओर से प्रोन्नति पर रोक लगाये जाने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोर्ट ने सामान्य प्रोन्नति नहीं रोकी है. सामान्य प्रोन्नति दिये जाने पर हाइकोर्ट ने कोई स्टे नहीं लगाया है. हाइकोर्ट ने केवल प्रोन्नति में आरक्षण पर स्टे दिया है.
यह भी कहा था कि सामान्य प्रोन्नति दिये जाने पर हाइकोर्ट के फैसले से प्रभावित होने की स्थिति में सरकार कोर्ट के अंतिम आदेश के अनुरूप निर्णय लेने को स्वतंत्र रहेगी. इसके बाद राज्य सरकार ने सामान्य प्रोन्नति पर रोक हटाने का फैसला किया है.

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