15 नवंबर 2017 को हुआ था शिलान्यास

कांटाटोली फ्लाइओवर का शिलान्यास 15 नवंबर 2017 को हुआ था. राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने शिलान्यास किया था. लोड टेस्टिंग के लिए 70 टन का क्रेन आयेगा रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर के लिए लोड टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है. लोड टेस्टिंग के लिए 70 टन का क्रेन दुर्गापुर से मंगाया जा रहा है, जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2018 4:00 AM

कांटाटोली फ्लाइओवर का शिलान्यास 15 नवंबर 2017 को हुआ था. राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने शिलान्यास किया था.

लोड टेस्टिंग के लिए 70 टन का क्रेन आयेगा
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर के लिए लोड टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है. लोड टेस्टिंग के लिए 70 टन का क्रेन दुर्गापुर से मंगाया जा रहा है, जो साेमवार तक आ जायेगा. इसके लिए मंगल टावर के समीप जगह बनाने का काम किया जा रहा है. क्रेन मंगल टावर के समीप लगाये गये पाइल से गुजारा जायेगा, तब पता चलेगा कि मिट्टी में लोड सहने की क्षमता कितनी है.
एक वर्ष विलंब हो गयी परियोजना
गौरतलब है कि कांटाटोली फ्लाइओवर के निर्माण के लिए मोदी कंस्ट्रक्शन को 27 अप्रैल 2017 को वर्क अॉर्डर दिया गया था. संवेदक द्वारा सारी तैयारी कर ली गयी है. मैचिंग प्लांट भी चालू है. पर अब तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं की हो सकी है. कुछ संरचनाओं के लिए मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गयी है, पर अब तक किसी से भूमि नहीं ली गयी है. इधर, मंगल टावर के पहले पुलिया के पास गड्ढे को भरने के लिए मिट्टी जमा की जा रही है. बताया गया कि भूमि अधिग्रहण न होने की वजह से परियोजना एक वर्ष विलंब हो गयी है.
हरमू फ्लाइओवर की अंतिम तिथि 18 मई
दूसरी तरफ, हरमू फ्लाइओवर के लिए दिया गया कार्यादेश 25 मार्च को रद्द कर दिया गया था. वजह थी कि संवेदक की कंपनी सुप्रीम इंफ्रा झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग में ही डिबार थी. इसके बाद जुडको द्वारा अप्रैल माह में नया टेंडर निकाला गया. टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 18 मई है.

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