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रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग का किया जायेगा विस्तार, बढ़ेंगी यात्री सुविधाएं

प्रस्ताव तैयार कर रहा एयरपोर्ट प्रबंधन रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार होगा. इसके लिए एयरपोर्ट प्रबंधन प्रस्ताव बना रहा है. एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में टर्मिनल बिल्डिंग में यात्रियों के प्रस्थान व आगमन के लिए एक ही द्वार है. इससे यात्रियों को परेशानी होती है. इस समस्या […]

प्रस्ताव तैयार कर रहा एयरपोर्ट प्रबंधन
रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार होगा. इसके लिए एयरपोर्ट प्रबंधन प्रस्ताव बना रहा है. एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में टर्मिनल बिल्डिंग में यात्रियों के प्रस्थान व आगमन के लिए एक ही द्वार है.
इससे यात्रियों को परेशानी होती है. इस समस्या के समाधान के लिए टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार किया जा रहा है. इसमें प्रस्थान और आगमन के दो द्वार बनाये जायेंगे. साथ ही यात्रियों के लिए कई अन्य तरह की सुविधाएं भी बढ़ायी जायेंगी.
गौरतलब है कि बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अब 24 घंटा संचालित हो रहा है. इसके मद्देनजर एयरपोर्ट प्रबंधन ने विभिन्न एयरलाइंस कंपनियों को विमान सेवा शुरू करने के लिए पत्र लिखा है. इसी के तहत एयर ओड़िशा और डेक्कन एयरवेज ने प्रबंधन से बातचीत भी की है.
एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि आनेवाले दिनों में कई और शहरों के लिए विमान सेवा शुरू होने की संभावना है. ऐसे में एयरपोर्ट टर्मिनल का विस्तार जरूरी है. फिलहाल, विभिन्न एयरलाइंस की 28 फ्लाइटें रांची से विभिन्न शहरों के लिए उड़ान भरती हैं. रांची से एयर इंडिया, इंडिगो, एयर एशिया, गो एयरवेज, विस्तार एयरलाइंस की विमान सेवा संचालित हो रही हैं.
जल्द तैयार हो जायेंगे दो नये एप्रॉन
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर करीब 11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रहे दो नये एप्रॉन जल्द ही तैयार हो जायेंगे. इसके लिए काम तेजी से चल रहा है.
एयरपोर्ट में अभी कुल चार एप्रॉन हैं. इनमें से तीन का उपयोग विभिन्न एयरलाइंस के लिए होता है, जबकि एक एप्रॉन वीवीआइपी व चार्टर्ड विमान के लिए रिजर्व रहता है. नये एप्रॉन बनने के बाद एक ही समय में यहां पांच विमानों की लैडिंग और पार्किंग हो सकेगी. विमानों को रनवे तक वापस भेजने के लिए पावर पुश बैक ट्रैक्टर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी.
वहीं, विमान टेकऑफ के लिए एप्रॉन से रनवे तक खुद पहुंच जायेंगे. इन दो नये एप्रॉन के बनने के बाद तीन और नये एप्रॉन बनाने की योजना है. कई बार एक ही समय पर एक से ज्यादा विमान आते हैं और एप्राॅन खाली नहीं होने से विमनों को हवा में कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. ऐसे में ज्यादा ईंधन की खपत के कारण विमन कंपनियों का खर्च बढ़ जाता है. एप्राॅन बढ़ने से खर्च कम होगा.

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