14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

3 में 1 किशोरी सार्वजनिक स्थलों पर अनुचित ढंग से छुए जाने की होती है‍ शिकार

रांची : सेव द चिल्ड्रेन की रिपोर्ट विंग्स 2018 वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स ए स्टडी ऑन द परसेप्शन ऑफ गर्ल्स सेफ्टी इन पब्लिक प्लेसेस जारी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड सहित देशभर की प्रत्येक तीन में से एक किशोरी को सार्वजनिक स्थलों पर अनुचित ढंग से छुए जाने या घूरे जाने का […]

रांची : सेव द चिल्ड्रेन की रिपोर्ट विंग्स 2018 वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स ए स्टडी ऑन द परसेप्शन ऑफ गर्ल्स सेफ्टी इन पब्लिक प्लेसेस जारी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड सहित देशभर की प्रत्येक तीन में से एक किशोरी को सार्वजनिक स्थलों पर अनुचित ढंग से छुए जाने या घूरे जाने का अंदेशा होता है.
25 प्रतिशत लड़कियों ने महसूस किया है कि उनके साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म हो सकता है. इस रिपोर्ट को मंगलवार को दिल्ली में आवास अौर शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जारी की.
यह रिपोर्ट देश भर के चार हजार से अधिक किशोरों अौर किशोरियों से बातचीत के आधार पर तैयार की गयी. आठ सौ अभिभावकों से भी बात की गयी.
सर्वेक्षण में विभिन्न राज्यों के 12 जिलों, 30 शहरों अौर 84 गांव शामिल थे. श्री पुरी ने कहा कि आर्थिक प्रगति से महिलाअों को मिलने वाले अवसर बढ़ते हैं. हालांकि व्यक्तिगत सुरक्षा की चिंता इस प्रगति में बाधा बनती है. महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि समानता वाले समाज के लिए महिलाअों अौर लड़कियों के अधिकारों अौर सुरक्षा के प्रति उनकी चिंता पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
सेव द चिल्ड्रेन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदिशा पिल्लई ने कहा कि इस अध्ययन से घर से बाहर निकलते समय लड़कियों के डर का पता चलता है. इस डर की वजह से उनके आत्मविश्वास को चोट पहुंचती है अौर भविष्य भी जोखिम में पड़ता है. इस डर की वजह से उनकी शादी जल्दी हो जाती है अौर उनके शिक्षित होने, रोजगार पाने अौर दुनिया से जुड़ने में कठिनाई होती है.
रिपोर्ट से जो दो मुख्य बातें सामने आयीं, वे यह थीं कि शहरी अौर ग्रामीण क्षेत्रों की दो तिहाई लड़कियों ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर छेड़छाड़ होने पर वे अपनी मां को जानकारी देंगी.
वहीं, आधी लड़कियों ने आशंका प्रकट की, कि यदि उनके माता-पिता को उनसे छेड़छाड़ के बारे में पता चलेगा, तो उनका घर से बाहर अकेले जाना बंद हो जायेगा. रिपोर्ट में लड़कियों की सुरक्षा के लिए 30 अनुशंसाएं की गयी हैं. इनमें पुलिस की व्यवस्था में सुधार, पुलिस में महिलाअों का अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व, सार्वजनिक स्थलों पर रोशनी की व्यवस्था, सामुदायिक सहयोग विधियों का विकास जैसे स्व सहायता समूह, बाल समूह अौर माता समूह को बढ़ावा देना, उबर अौर अोला जैसी सभी परिवहन व्यवस्था के ड्राइवरों के लिए लैंगिक प्रशिक्षण अौर राजनीति में महिलाअों की सुरक्षा के लिए अधिक सक्रियता शामिल है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें