झारखंड : उग्रवादियों के फंड पर होगा प्रहार पुलिस को ट्रेंड करेगा एनआइए, जानें

झारखंड में क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा एनआइए, एसपी स्तर के अफसर बैठेंगे रांची : आतंकियों और उग्रवादियों को होनेवाले फंडिंग पर झारखंड में भी कारगर तरीके से प्रहार होगा. इसके लिए झारखंड पुलिस के दारोगा से लेकर एसपी रैंक के अफसरों को एनआइए प्रशिक्षित करेगा. इसको लेकर जल्द ही पहले चरण में तीन दिवसीय कार्यशाला रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2018 6:49 AM
झारखंड में क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा एनआइए, एसपी स्तर के अफसर बैठेंगे
रांची : आतंकियों और उग्रवादियों को होनेवाले फंडिंग पर झारखंड में भी कारगर तरीके से प्रहार होगा. इसके लिए झारखंड पुलिस के दारोगा से लेकर एसपी रैंक के अफसरों को एनआइए प्रशिक्षित करेगा. इसको लेकर जल्द ही पहले चरण में तीन दिवसीय कार्यशाला रांची में आयोजित की जायेगी.
मंगलवार को एनआइए के डीजी योगेश चंद्र मोदी और झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय सहित अन्य अफसरों की पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस दौरान झारखंड के अफसरों को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी की आेर से यह जानकारी दी गयी कि रांची में एनआइए की ओर से रिजनल कार्यालय खोला जायेगा.
इसके लिए एजेंसी की ओर से झारखंड सरकार से जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया जायेगा. बैठक के दौरान एनआइए द्वारा झारखंड से जुड़े जिन मामलों की जांच की जा रही है, उसकी अब तक की क्या प्रगति है, उस पर भी रायशुमारी हुई. बैठक के बाद एनआइए डीजी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से औपचारिक मुलाकात की. पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में एडीजी पीआरके नायडू, आरके मल्लिक, प्रशांत सिंह, अनुराग गुप्ता, आइजी आशीष बत्रा सहित अन्य अधिकारी शामिल थे.
पीएफआइ पर कसा जा रहा शिकंजा : झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि नक्सलियों के आर्थिक फंडिंग को समाप्त करने में एनआइए सहयोग करेगा. जहां तक पाकुड़ और साहेबगंज जिले में सक्रिय संगठन पीएफआइ को राज्य सरकार पहले ही बैंड कर चुकी है. अब एटीएस और झारखंड पुलिस संयुक्त रूप से उन पर शिकंजा कस रही है.
एनआइए के डीजी योगेश चंद्र मोदी ने डीजीपी के साथ की बैठक
सुनील महतो हत्याकांड का मामला विचाराधीन : डीजी
जमशेदपुर के सांसद रहे झामुमो सांसद सुनील महतो हत्याकांड के मामले को अभी तक एनआइए ने टेकओवर नहीं किया है. इस मामले में एनआइए डीजी ने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है. मामला चूंकि 10 साल पुराना है. इसलिए इसमें साक्ष्य के बिंदु पर विचार किया जा रहा है कि इतने दिनों बाद जांच के दौरान एजेंसी को क्या-क्या मिल सकता है.
फाइनांसियल लाइफलाइन तोड़ना जरूरी : एनआइए डीजी
एनआइए के डीजी योगेश चंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी संगठन के लिए उसका आर्थिक रूप से मजबूत होना जरूरी होता है. अगर उसे तोड़ना है, तो उसे आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाना होगा. उसके फाइनांशियल लाइफ लाइन को तोड़ना होगा. केंद्रीय एजेंसी होने के नाते एनआइए को आतंकियों और उग्रवादियों की फंडिंग रोकने और संपत्ति अटैच करने का अधिकार प्राप्त है. झारखंड के उग्रवादियों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों की समीक्षा कर जो मामले गंभीर प्रकृति के होंगे, उनको केंद्र सरकार के आदेश से टेकअोवर किया जायेगा. इसमें झारखंड पुलिस की एनआइए मदद करेगी.

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