रांची : नक्शा पास कराने पर ही मिलेगा लॉज/हॉस्टल चलाने का लाइसेंस
रांची : जिन भवनों का नक्शा स्वीकृत नहीं है, उन भवनों में रांची नगर निगम लॉज या हॉस्टल संचालन की अनुमति नहीं देगा. नगर निगम की बाजार शाखा में अभी हॉस्टल के 25 और लॉज के 30 से अधिक आवेदन पड़े हुए हैं, जिन्हें लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है.इन भवनों के मालिकों को […]
रांची : जिन भवनों का नक्शा स्वीकृत नहीं है, उन भवनों में रांची नगर निगम लॉज या हॉस्टल संचालन की अनुमति नहीं देगा. नगर निगम की बाजार शाखा में अभी हॉस्टल के 25 और लॉज के 30 से अधिक आवेदन पड़े हुए हैं, जिन्हें लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है.इन भवनों के मालिकों को नगर निगम ने आदेश दिया है कि पहले वे अपने भवन का नक्शा लेकर आयें. उसके बाद ही निगम उन्हें लॉज या हॉस्टल चलाने की अनुमति देगा.
इसलिए लोग नहीं पास कराते हैं नक्शा : नगर निगम में नक्शा पास कराने के लिए सबसे पहले जमीन के सारे वैध कागजात जमा करने पड़ते हैं. आम आदमी आदिवासी की भूमि खरीद तो लेता है, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम पर नहीं होती है. आदिवासी भूमि और सीएनटी एक्ट के पेच के कारण वह मजबूरी में बिना नक्शे के ही उस जमीन पर घर बना लेता है.
एक अनुमान के मुताबिक शहर में आदिवासी जमीन पर बने भवनों की संख्या 50 हजार से अधिक है.नियमों में किया जायेगा बदलाव : इस संबंध में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि नियमों में सरलीकरण किया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग लाइसेंस प्राप्त कर सकें. शहर में ऐसे मकानों की संख्या हजारों में हैं, जिनका निर्माण काफी पहले हुआ था. उस समय नक्शे की बाध्यता नहीं थी. इसलिए नियमाें में संशोधन कर इसे आम जनता के हित में बनाया जायेगा.