झारखंड : चार साल में बाल विवाह के 18 व एक साल में बाल मजदूरी के सिर्फ 17 मामले हुए दर्ज
रांची : प्रदेश में बाल मजदूरी और बाल विवाह की घटनाएं तो आये दिन सामने आते रहती हैं. लेकिन जो लोग बाल मजदूरी और बाल विवाह कराते हैं, उनके खिलाफ पुलिस थानों में मामला दर्ज होने का प्रतिशत काफी कम है. बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से पहल तो की […]
रांची : प्रदेश में बाल मजदूरी और बाल विवाह की घटनाएं तो आये दिन सामने आते रहती हैं. लेकिन जो लोग बाल मजदूरी और बाल विवाह कराते हैं, उनके खिलाफ पुलिस थानों में मामला दर्ज होने का प्रतिशत काफी कम है.
बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से पहल तो की जा रही है, लेकिन इससे जुड़े मामलों की जब पड़ताल की गयी, तो परिणाम चौंकाने वाला सामने आया. वर्ष 2014 से नवंबर 2017 तक 10 जिलों में बाल विवाह के सिर्फ 18 मामले ही थानों तक पहुंचे. इसी तरह बाल मजदूरी के मामले में झारखंड अव्वल राज्यों में शामिल है. बावजूद इसके यहां पर वर्ष 2017 में आठ जिलों के थानों में सिर्फ 17 मामले ही दर्ज कराये गये हैं.
बाल विवाह के आये मामले
गुमला : 2015 में 01 व 2016 में 02
सिमडेगा : 2016 में 01
जमशेदपुर : 2017 में 01
गढ़वा : 2015 में 01 व 2017 में 01
लातेहार : 2014 में 01
रामगढ़ : 2014 में 01 व 2015 में 02.
गिरिडीह : 2017 में 03
धनबाद : 2015 में 01
देवघर : 2015 में 01 व 2016 में 01
जामताड़ा : 2015 में 01
(नोट : बाकी के 14 जिलों में एक भी मामला नहीं आया सामने)
जिला मामले
गुमला 06
चाईबासा 02
लातेहार 05
रामगढ़ 03
दुमका 01
(नोट : बाकी के 18 जिलों में एक भी मामला नहीं हुआ दर्ज)