लोगों ने आदत बदली तो जीत लिया खिताब
रांची : रांची ने सिटीजन फीडबैक में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. लेकिन निगम के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था. स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता तो थी, लेकिन आदत से लाचार थे. खुले में कूड़ा फेंकना आदत बन चुकी थी. इसके बावजूद नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर उठाये गये कदम […]
रांची : रांची ने सिटीजन फीडबैक में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. लेकिन निगम के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था. स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता तो थी, लेकिन आदत से लाचार थे.
खुले में कूड़ा फेंकना आदत बन चुकी थी. इसके बावजूद नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर उठाये गये कदम ने शहरवासियों के दिलों पर छाप छोड़ी. तीन महीने तक चौक-चौराहों, गली मोहल्ले में अभियान चलाकर निगम ने लोगों के मन में आशा जगायी कि स्वच्छ शहर तभी हो सकता है, जब इसमें आम आदमी की भी भागीदारी हो. नुक्कड़ नाटक से लेकर स्कूल कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया गया.
इसके अलावा निगम के 500 से अधिक वाहनों में माइक से गाना बजा कर लोगों को स्वच्छता अपनाने की अपील की गयी. जिसका नतीजा शहर में दिखने लगा. लोग भी स्वच्छता काे लेकर जागरूक हुए. नतीजा यह हुआ कि सिटीजन फीडबैक में नंबर वन का खिताब राजधानी रांची को मिला.
स्वच्छ शहर के लिए निगम ने यह उठाया कदम
शहर को खुले में शाैच से मुक्त करने के लिए 53 वार्डों में 32 हजार शौचालय का निर्माण हुआ.
राजधानी रांची को ओडीएफ घोषित किया गया.
स्लम बस्तियों के लोग खुले में शौच करने न जायें, इसके लिए 31 कम्युनिटी टॉयलेट का निर्माण किया गया.
प्रमुख चौराहों पर 80 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण किया गया.
कूड़ा का नियमित उठाव हो इसके लिए डोर टू डाेर कूड़ा उठाव के कार्य को बेहतर किया गया.
शहर की प्रमुख सड़कों पर रात्रि अभियान प्रारंभ किया गया.
नुक्कड़ नाटक से लेकर स्कूल कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया गया.