चारा घोटाला मामला :भोला यादव ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ की टिप्पणी, हुई गिरफ्तारी, मिली जमानत
जज : नेता तो सत्ता और पैसे के पीछे भागते हैं रांची : कोर्ट के अवमानना मामले में आरोपी बिहार के राजद विधायक भोला यादव को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में लेने के थोड़ी देर बाद ही अदालत से जमानत मिल गयी. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में एक लाख रुपये का […]
जज : नेता तो सत्ता और पैसे के पीछे भागते हैं
रांची : कोर्ट के अवमानना मामले में आरोपी बिहार के राजद विधायक भोला यादव को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में लेने के थोड़ी देर बाद ही अदालत से जमानत मिल गयी. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में एक लाख रुपये का बेल बांड भरने के बाद उन्हें जमानत दी गयी.
विधायक भोला यादव शुक्रवार की सुबह सीबीआइ कोर्ट पहुंचे. अदालत ने उन्हें अवमानना मामले में आरोपी मानते हुए 21 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश जारी किया.
कोर्ट ने अवमानना मामले में सभी कागजात को हाइकोर्ट में भेजने की बात कही. साथ ही जेल प्रशासन को भी निर्देश दिया कि भोला यादव की न्यायिक हिरासत से संबंधित जानकारी बिहार विधानसभा में दें. इस पर भोला यादव की अोर से अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद अौर प्रभात कुमार ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए हैं. क्षमा भी मांगी है.
अधिवक्ताअों ने न्यायिक हिरासत में न लेने का अनुरोध किया. इस पर कोर्ट ने भोला यादव द्वारा कोर्ट के खिलाफ की गयी टिप्पणियों से संबंधित सीडी को लैपटॉप के जरिये सुनाया. जज शिवपाल सिंह ने कहा कि नेता अवसरवादी होते हैं. ये सत्ता अौर पैसे के पीछे भागते हैं. भोला यादव ने कहा कि हुजूर, एेसा नहीं है. 1996 से ही लालू जी के साथ हैं.
हम नीति अौर सिद्धांत के साथ चलते हैं. कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं. भोला के अधिवक्ताअों ने भी फिर से न्यायिक हिरासत में न लेने का अनुरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने भोला यादव को जमानत की सुविधा दे दी. गौरतलब है कि चारा घोटाला मामले में कोर्ट के फैसले के बाद भोला यादव ने फैसले के खिलाफ टिप्पणी की थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने भोला यादव को अवमानना मामले में आरोपी बनाया था अौर हाजिर होने को कहा था.
विधायक : हुजूर, हम तो सिद्धांत के साथ चलते हैं
रांची : हाइकोर्ट ने चारा घोटाले मामले में सीबीआइ अधिकारी और सीबीआइ द्वारा दायर याचिकाओं के मद्देनजर मामले में एमेक्स क्यूरी रखने का आदेश दिया. महाधिवक्ता ने इसके लिए बीएन त्रिपाठी के नाम का प्रस्ताव दिया.
अदालत ने संबंधित अधिवक्ता से इस पर उनकी सहमति लेने काे कहा. हाइकोर्ट ने शिवपाल सिंह की अदालत द्वारा सीबीआइ एडिशनल एसपी एके झा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही वीएस दुबे, अंजनी कुमार, सुखदेव सिंह, एके झा, शिव कुमार पटवारी व अन्य के मामले में रोक के आदेश को बरकरार रखा.
वादी और प्रतिवादी दोनों है सीबीआइ: चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 38ए/96 और आरसी 45ए/96में शिवपाल सिंह के आदेश से प्रभावित अधिकारियों ने व्यक्तिगत तौर पर याचिकाएं दायर की थी. साथ ही सीबीआइ की ओर से भी इस मामले में याचिका दायर की गयी. न्यायमूर्ति अपरेश कुमार ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि इन मामलों में सीबीआइ वादी और प्रतिवादी भी है. इसलिए इसमें एमेक्स क्यूरी नियुक्त करना जरूरी है.
हाइकोर्ट द्वारा एडिशनल एसपी एके झा को अभियुक्त बनाये जाने पर रोक लगाये जाने के बाद निचली अदालत ने विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया था. एके झा ने हाइकोर्ट में इसे भी चुनौती दी थी. कार्ट ने विभागीय कार्यवाही चलाने के निचली अदालत के आदेश पर भी रोक लगा दी है.