झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर लगायी मुहर, संशोधित कट ऑफ मार्क्स पर रिजल्ट निकालने का आदेश
जेपीएससी की छठी सिविल सेवा परीक्षा. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर लगायी मुहर रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से ली गयी छठी सिविल सेवा परीक्षा का प्रारंभिक रिजल्ट संशोधित कट ऑफ मार्क्स पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एसएन पाठक की अदालत ने […]
जेपीएससी की छठी सिविल सेवा परीक्षा. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर लगायी मुहर
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से ली गयी छठी सिविल सेवा परीक्षा का प्रारंभिक रिजल्ट संशोधित कट ऑफ मार्क्स पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एसएन पाठक की अदालत ने राज्य सरकार की संशोधित कट ऑफ मार्क्स से संबंधित अधिसूचना को सही करार दिया है.
साथ ही राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका को खारिज कर दिया है. हाइकोर्ट के इस फैसले के बाद छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में करीब 34 हजार अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे. साथ ही 2015 से चली आ रही 326 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. हाइकोर्ट ने सरकार की उसी अधिसूचना को सही करार दिया है, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ मार्क्स 40%, पिछड़े वर्ग के लिए 36.5%, अति पिछड़े वर्ग के लिए 34% और एससी, एसटी व महिलाओं के लिए 32% निर्धारित किया गया था.
सरकार ने क्याें किया था कट ऑफ मार्क्स कम : 326 पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी ने छठी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर 2015 में विज्ञापन निकला था. एक लाख से ज्यादा छात्रों ने आवेदन दिया. आयोग ने 15 गुना के आधार पर 23 फरवरी 2016 को पहली बार प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट निकाला. इसमें कुल 5,138 उम्मीदवार सफल हुए थे.
इस पर पिछड़ी जाति के छात्रों ने आपत्ति की. देव कुमार ने इसे हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. बाद में राज्य सरकार ने नियम को बदल दिया. नये नियम में प्रावधान किया कि प्रारंभिक परीक्षा में सबसे कम नंबर लानेवाले सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के बराबर नंबर लानेवाले आरक्षित वर्ग के छात्रों को भी सफल माना जायेगा.
हाइकोर्ट ने सरकार के इस संशोधन को मंजूरी दे दी. इसके बाद जेपीएससी ने दूसरी बार रिजल्ट निकाला. इसमें कुल 6,103 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए. अनारक्षित कोटे में 2,866, एसटी कोटे में 1,275, एससी में 608, बीसी वन में 832 और बीसी टू में 522 उम्मीदवार सफल हुए. पर इस रिजल्ट पर भी विवाद हो गया. विधानसभा में आरक्षण का मुद्दा उठा. इसके बाद सरकार ने दूसरी बाद नियम में बदलाव करते हुए कट ऑफ मार्क्स कम कर दिये.
सरकार के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज
जिन पदों पर नियुक्ति होगी
सेवा रिक्त पद
प्रशासनिक सेवा 143
वित्त सेवा 104
शिक्षा सेवा 36
योजना सेवा 18
सहकारिता सेवा 09
सूचना सेवा 07
पुलिस सेवा 06
सामाजिक सुरक्षा सेवा 03
सरकार के फैसले को दी गयी थी चुनौती
कट ऑफ मार्क्स कम करने के सरकार के फैसले को पंकज पांडेय ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. सरकार के फैसले को गलत बताते हुए इससे संबंधित अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गयी थी. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अब तीसरी बार निकलेगा रिजल्ट
छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया 2015 से शुरू हुई थी. जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दो बार प्रकाशित कर चुका है. पर हर बार किसी न किसी तरह का विवाद हो गया. इससे सरकार को दो बार नियम में संशोधन करना पड़ा. अब तीसरी पर आयोग प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करेगा.