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-जम्मू में शहीद हुए गिरिडीह के लाल सीताराम का पार्थिव शरीर लाया गया
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-राष्ट्रीय युवा शक्ति के सदस्यों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद व शहीद सीताराम अमर रहे के नारे लगाये
रांची : जम्मू में शहीद हुए गिरिडीह के पीरटांड़ प्रखंड के पालगंज निवासी बीएसएफ कांस्टेबल सीताराम उपाध्याय का पार्थिव शरीर शनिवार को एयर इंडिया के विमान से रांची लाया गया. एयरपोर्ट पर सीताराम के परिजन, बीएसएफ के जवान और भारी संख्या में लोग उपस्थित थे. हर कोई शहीद जवान काे एक बार देखने के लिए आतुर था. जैसे ही पार्थिव शरीर टर्मिनल बिल्डिंग से बाहर लाया गया, शहीद की पत्नी रेशमी उपाध्याय व अन्य परिजनों की सिसकियां चीत्कार में बदल गयीं.
कुछ देर बाद लोगों के ढाढ़स बंधाने के बाद परिजन ताबूत से अलग हुए. मां अपने दुधमुंहे बेटे कन्हैया से कहती है पापा आ गये फूल दो. यह शब्द सुनते ही एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयीं. इसके बाद बारी-बारी से चाचा राजेश कुमार उपाध्याय, बड़ा भाई सोनू उपाध्याय, ज्वलंत उपाध्याय, संजीव उपाध्याय, भाभी विनीता उपाध्याय, बेटी सिद्धि उपाध्याय ने श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, सिटी एसपी अमन कुमार, अखिलेश कुमार, राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव, शहीद संकल्प शुक्ला की पत्नी सहित अन्य लोग उपस्थित थे. इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा शक्ति के सदस्यों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद, शहीद अमर रहे का नारा लगाया.
शहीद की पत्नी ने सरकार से मांगी नौकरी : शहीद सीताराम उपाध्याय की पत्नी रेशमी उपाध्याय ने एयरपोर्ट पर कहा कि उसे गर्व है कि उनके पति ने देश के लिए शहादत दी. मुआवजा के पैसे से बच्चों का लालन-पालन संभव नहीं है. सरकार उन्हें नौकरी दे. बच्चों को क्या बनायेंगे के सवाल पर कहा कि अभी बेटा दो वर्ष व बेटी तीन वर्ष की है. पहले बच्चों के खिलाने का जुगाड़ हो, तब सोचेंगे क्या बनाना है.
बीएसएफ कांस्टेबल सीताराम उपाध्याय जम्मू में हुए थे शहीद
जब तक सूरज-चांद रहेगा सीताराम तेरा नाम रहेगा