रांची : पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों ने झारखंड के मरीजों का इलाज करने से इनकार कर दिया है. झारखंड के मरीजों को यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि ऊपर से आदेश है कि झारखंड के मरीजों का बंगाल में इलाज नहीं होगा. हालांकि अधिकृत रूप से स्वास्थ्य विभाग (झारखंड) को इसकी जानकारी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है. यदि ऐसी बात है, तो मामला गंभीर है. वह पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के सचिव से बात करेंगी.
क्या है मामला : संताल-परगना प्रमंडल के जामताड़ा व दुमका जिला पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. इन जिलों के मरीज इलाज के लिए बंगाल के सिउड़ी सदर अस्पताल जाते हैं. 15 दिनों से झारखंड के मरीजों को सिउड़ी सदर अस्पताल प्रबंधन इलाज नहीं कर रहा. मिली जानकारी के अनुसार, बागडेहरी के अक्षय राय, खाजुरी के विमल राय बुधवार को इलाज कराने के लिए सिउड़ी अस्पताल गये थे. जब उनसे अस्पताल प्रबंधन ने पूछा कि किस राज्य से आप आये हैं, तो उन्होंने झारखंड बताया.
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भर्ती लेने से इनकार कर दिया. पूछने पर अस्पताल कर्मियों ने बताया कि उन्हें ऊपर से आदेश मिला है कि झारखंड के रोगियों को भर्ती नहीं करना है. इस कारण दोनों को बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ा. जामताड़ा जिले के कुंडहित, नाला, फतेहपुर के अलावा दुमका जिले के मसलिया, रानेश्वर समेत कई प्रखंडों के मरीज इसी अस्पताल पर निर्भर हैं.
झारखंड के मरीज बंगाल के…
सीपीआइ ने जताया एतराज, बोले : झारखंड भी कुंडहित में बंगाल की सीमा बंद कर दे
पश्चिम बंगाल सरकार के इस अमानवीय फैसले पर सीपीआइ ने एतराज जताया है. कुंडहित के सीपीआइ के जिला सचिव व नाला विधानसभा के पार्टी के पूर्व प्रत्याशी कन्हाई माल पहाड़िया ने कहा कि बागडेहरी के अक्षय राय के साथ हुए बर्ताव के बाद झारखंड सरकार को भी सचेत होने की जरूरत है. मरीज के साथ राजनीति करने का कोई मतलब नहीं होता. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार भी कुंडहित में बंगाल की सीमा को बंद कर दे, तभी बंगाल सरकार को झटका लगेगा.
2014 में आलू की आपूर्ति रोक चुका है पश्चिम बंगाल
अगस्त 2014 में पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड में आलू की आपूर्ति रोक दी थी. आलू झारखंड में महंगा हो गया था. उस समय रोजाना करीब 500 ट्रक आलू झारखंड की मंडियों में बिक्री के लिए आता था. झारखंड के बाजारों में 50 प्रतिशत आलू की आपूर्ति बंगाल से होती है. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा था. उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि आलू को आपूर्ति रोकी गयी, तो झारखंड से भी हरी सब्जियां बंगाल नहीं जायेगी. इसके बाद आलू की आपूर्ति की जाने लगी थी.
जामताड़ा व दुमका जिले के मरीजों को बंगाल के सिउड़ी सदर अस्पताल में नहीं किया जा रहा है इलाज
अस्पताल प्रबंधन बोला :
ऊपर से है आदेश – झारखंड के मरीजों का नहीं करना है इलाज
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा
मामला गंभीर, बंगाल के
स्वास्थ्य सचिव से करेंगे बात
रिम्स में इलाज कराने अाते हैं पुरूलिया व झालदा के मरीज
रांची के रिम्स में पश्चिम बंगाल के पुरूलिया, झालदा, आसनसोल समेत कई जिलों के मरीज बड़ी संख्या में इलाज कराने आते हैं. यहां कभी भी मरीजों के साथ यह कह कर भेदभाव नहीं किया जाता है कि वे बंगाल से आये हैं या झारखंड से. बिहार और ओड़िशा से भी यहां मरीज आते हैं.
10 मई को वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के दीक्षांत समारोह में ममता बनर्जी ने कहा था : दूसरे राज्यों के मरीजों के लिए नीति तय करनी होगी
कोलकाता : बंगाल के सरकारी अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधा है. लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलती है. बंगाल के लोगों को सेवाएं देना हमारा दायित्व है, क्योंकि जनमानस ने ही हमें चुन कर भेजा है, लेकिन यहां दूसरे 4-5 राज्यों के मरीज भी आते हैं. एक-दो दूसरे देशों के भी मरीज आते हैं. हमारे डॉक्टर उनको इलाज के लिए मना तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन अब ऐसे मरीजों के लिए एक नीति तय करनी होगी. उनके लिए एक नियम बनाना होगा, ताकि निःशुल्क चिकित्सा सेवा का कोई दुरुपयोग न कर सकें. हमारे बंगाल में बिना पैसे के जो चिकित्सा लोगों को मिलती है, वह कहीं नहीं है. स्वास्थ्य सेवाएं देने में बंगाल सर्वश्रेष्ठ है. -ममता बनर्जी, मुख्य मंत्री, पश्चिम बंगाल