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लोहरदगा : लड़का देखने जा रहे रांची के पांच लोगों की कुड़ू में कार और ट्रक के बीच हुई टक्कर से मौत

लोहरदगा/कुड़ू : लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र की कड़ाक पुलिया के पास कार और मालवाहक वाहन में टक्कर हो गयी. इस हादसे में कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गयी. इन पांच लोगों में चार एक ही परिवार के थे. यह दुर्घटना रविवार सुबह करीब नौ बजे की है. जिन लोगों की […]

लोहरदगा/कुड़ू : लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र की कड़ाक पुलिया के पास कार और मालवाहक वाहन में टक्कर हो गयी. इस हादसे में कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गयी. इन पांच लोगों में चार एक ही परिवार के थे. यह दुर्घटना रविवार सुबह करीब नौ बजे की है. जिन लोगों की मौत हुई है उनमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार) के कक्षपाल सुरेंद्र विश्वकर्मा, उनका बड़ा बेटा श्रवण विश्वकर्मा, छोटे बेटा अमित विश्वकर्मा उर्फ गोलू, बहनोई इंद्रदेव शर्मा (सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के चूना भट्ठा निवासी) व कार चालक अब्दुल शाह शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, सुरेंद्र विश्वकर्मा अपनी छोटी बेटी की शादी के लिए लड़का देखने लोहरदगा जा रहे थे़ इसी क्रम में कड़ाक पुलिया के पास विपरीत दिशा से आ रहे मालवाहक वाहन से कार टकरा गयी. ग्रामीणों ने कार का शीशा तोड़कर पांचों को बाहर निकाला. घटनास्थल पर ही सुरेंद्र विश्वकर्मा की मौत हो गयी. कुड़ू थाना प्रभारी सुधीर साहू एंबुलेंस लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद गंभीर रूप से घायल चार लोगों को लोहरदगा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
रिम्स लाने के क्रम में दो की मौत : इलाज के क्रम में श्रवण विश्वकर्मा और इंद्रदेव शर्मा की मौत हो गयी. गंभीर रूप से घायल अमित विश्वकर्मा उर्फ गोलू और कार चालक अब्दुल शाह को बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर किया गया.
रास्ते में दोनों की मौत हो गयी. वहीं मालवाहक वाहन का चालक और खलासी भाग गया. सुरेंद्र विश्वकर्मा मूल रूप से गया जिला के बाराचट्टी के रहनेवाले थे़ मृत पिता और दो पुत्रों का अंतिम संस्कार बाराचट्टी में किया जायेगा़. सुरेंद्र विश्वकर्मा की दो पुत्री व तीन पुत्र है. वह जेल परिसर में बने आवास में रहते थे.
इनकी हुई मौत
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार) के कक्षपाल सुरेंद्र विश्वकर्मा
बड़ा बेटा श्रवण विश्वकर्मा
छोटे बेटा अमित विश्वकर्मा उर्फ गोलू
बहनोई इंद्रदेव शर्मा
कार चालक अब्दुल शाह
मृतक सुरेंद्र और उनके दो पुत्रों का अंतिम संस्कार बाराचट्टी में किया जायेगा़
कक्षपाल सुरेंद्र विश्वकर्मा के परिवार में पत्नी, बहू, दो पुत्री व एक अन्य पुत्र हैं
होटवार में हाहाकार
होटवार जेल परिसर में कक्षपालों के लिए बने आवास (संख्या ए-44 ) में रहते थे सुरेंद्र विश्वकर्मा,
1984 से कार्यरत थे, पर स्थायी नहीं किया गया था
जेल प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, कर्मियों में रोष

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