अब सभी वोकेशनल कोर्स में भी लागू किया जायेगा सीवीसीएस

रांची विवि : बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में शामिल है एजेंडा पसंद का विषय कांबिनेशन चुनने का मौका मिलेगा रांची : ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम(सीबीसीएस) लागू होने के बाद अब रांची विश्वविद्यालय के सभी वोकेशनल कोर्स में भी इस सिस्टम को लागू करने की तैयारी चल रही है. अभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2018 6:04 AM
रांची विवि : बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में शामिल है एजेंडा
पसंद का विषय कांबिनेशन चुनने का मौका मिलेगा
रांची : ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम(सीबीसीएस) लागू होने के बाद अब रांची विश्वविद्यालय के सभी वोकेशनल कोर्स में भी इस सिस्टम को लागू करने की तैयारी चल रही है. अभी तक वोकेशनल कोर्स सेमेस्टर सिस्टम के अंतर्गत चलाये जा रहे हैं. बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में सीबीसीएस को लागू करने का प्रस्ताव लाया जायेगा.
इसी सेशन से होगा लागू : रांची विवि के वोकेशनल कोर्स में सीवीसीएस लागू करने से पहले कुछ वोकेशन कोर्स के सिलेबस भी बदले जा रहे हैं.
इसमें पत्रकारिता विभाग का नया सिलेबस तैयार कर लिया गया है. नये सेशन में जो छात्र एडमिशन लेंगे, वो नये सिलेबस के अनुसार अपनी पढ़ाई करेंगे. पीजी लेवल के वोकेशनल कोर्स और यूजी लेवल के वोकेशनल कोर्स में इस सिस्टम के अंतर्गत पढ़ाई होगी. रांची विवि के सभी संबद्ध कॉलेजों में चलनेवाले वोकेशनल कोर्स में भी इसी सिस्टम के तहत एडमिशन और पढ़ाई होगी.
पीजी स्तर पर 11 और यूजी में 12 हैं वोकेशनल कोर्स : विवि में पीजी स्तर के 11 वोकेशनल कोर्स चलाये जाते हैं, वहीं यूजी स्तर पर इस समय 12 वोकेशनल कोर्स चलाये जाते हैं. सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस के अंतर्गत चलाये जाते हैं.
इन कोर्स में सीबीसीएस लागू हो जाने के बाद इसमें पढ़ने वालों छात्रों को अनिवार्य रूप से सभी क्लास में उपस्थित रहना होगा. एडमिशन के साथ ही छात्रों को क्लास को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत होगी.
छात्रों को ये फायदा : सीबीसीएस में एडमिशन लेने के बाद छात्रों को घंटे के हिसाब से क्रेडिट बनाना होगा. एक विषय का 15 घंटा क्लास करने के बाद छात्रों को एक क्रेडिट मिलेगा.
वहीं सभी पेपर में फाइनल परीक्षा 80 नंबरों की होगी और इंटरनल परीक्षा 20 नंबर की होगा. इसके अलावा छात्रों को फाइनल परीक्षा में जो सवाल पूछे जायेंगे, वे तीन पैर्टन में होंगे. जिसमें वस्तुनिष्ठ सवाल भी शामिल होंगे. हालांकि शिक्षकों की कमी का खामियाजा भी छात्रों को भुगतना पड़ सकता है.

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