लोग सड़क पर उतरे, जन मुद्दों पर संघर्ष करने का किया गया आह्वान, पोल खोल हल्ला बोल अभियान की शुरुआत
एकता, जन अधिकार आंदोलन ने जनमुद्दों पर संघर्ष को और व्यापक करने का आह्वान किया है. बुधवार को राजभवन मार्च में केंद्र सरकार के खिलाफ पोल खोल हल्ला बोल अभियान की शुरुआत की गयी. राजभवन मार्च जयपाल सिंह स्टेडियम से शुरू हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में किसान-मजदूर, छात्र, नौजवान और महिलाएं शामिल थीं. राजभवन पहुंचकर […]
एकता, जन अधिकार आंदोलन ने जनमुद्दों पर संघर्ष को और व्यापक करने का आह्वान किया है. बुधवार को राजभवन मार्च में केंद्र सरकार के खिलाफ पोल खोल हल्ला बोल अभियान की शुरुआत की गयी.
राजभवन मार्च जयपाल सिंह स्टेडियम से शुरू हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में किसान-मजदूर, छात्र, नौजवान और महिलाएं शामिल थीं. राजभवन पहुंचकर यह मार्च जनसभा में तबदील हो गया. जनसभा के बाद एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल को 23 सूत्री मांग पत्र सौंपा. इसमें वक्ताओं ने कहा कि अच्छे दिन लाने और सबका साथ सबका विकास का वादा करनेवाली सरकार से सब परेशान हैं. चार साल त्रासदी भरे रहे हैं. कॉरपोरेट घरानों का विकास हुआ है.
दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा करने वाले सरकार में 77 फीसदी लोगों के पास काम नहीं है. कृषि में एफडीआइ लाने, जबरन भूमि अधिग्रहण करने तथा फसल का उचित दाम नहीं मिलने के कारण देश के किसान तबाही के कगार पर हैं. कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
रघुवर सरकार भी राज्य की प्राकृतिक संपदा लूटने में लगी है. स्थानीय लोगों का कमजोर करने की साजिश चल रही है. स्थानीय जनता के हितों को दरकिनार कर सक्षम लोगों के पक्ष में स्थानीय व नियोजन नीति लागू कर दिया गया है. बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी कर 32 लाख उपभोक्ताओं को करारा झटका दिया गया है. पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है.
सभा को राजा राम सिंह, पूरन महतो, राजेंद्र सिंह मुंडा, सुरजीत सिन्हा, भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, महेंद्र पाठक,पीके गांगुली, प्रकाश विप्लव, भवन सिंह, शुभेंदु सेन, भुवनेश्वर केवट, अजय सिंह, संजय पासवान, सुभाष मुंडा, प्रफुल्ल लिंडा, सुखनाथ लोहरा, दयामनी बारला, माया लायक, वीणा लिंडा, एती तिर्की ने संबोधित किया.