झारखंड के वन्य पौधे औषधीय गुण वाले, शोध को दें बढ़ावा
वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सीएम ने दिया निर्देश रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड वनों से आच्छादित प्रदेश है. यहां के वन्य पौधे काफी औषधीय गुणों वाले हैं. यहां के लोगों को इसकी काफी जानकारी है. वन विभाग उनकी मदद लें. शोध को बढ़ावा दें और इनका उत्पादन बढ़ायें. इसकी मार्केटिंग […]
वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सीएम ने दिया निर्देश
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड वनों से आच्छादित प्रदेश है. यहां के वन्य पौधे काफी औषधीय गुणों वाले हैं. यहां के लोगों को इसकी काफी जानकारी है.
वन विभाग उनकी मदद लें. शोध को बढ़ावा दें और इनका उत्पादन बढ़ायें. इसकी मार्केटिंग की व्यवस्था भी करें. इससे न केवल यहां के लोगों को आमदनी होगी, बीमारियों का इलाज भी हो सकेगा. श्री दास ने यह बातें बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की दसवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
पुराने लोगों के अनुभव को करें लिपिबद्ध : उन्होंने कहा कि पुराने लोगों के अनुभव का लाभ लेकर उनकी जानकारी लिपिबद्ध करें, ताकि आनेवाली पीढ़ियां भी इससे लाभान्वित हो सकें. हाथियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में बांस की ज्यादा से ज्यादा खेती करें. बरसात के पूर्व बांस रोपण अभियान की शुरुआत की जाये. पानी के स्रोतों में काफी सुधार लाया गया है. जानवरों के कारण जान-माल के नुकसान के मुआवजे के लिए नियमों में ढील देने का निर्देश दिया. उन्होंने बोर्ड की बैठक साल में दो बार करने के लिए भी कहा.
साहेबगंज व गोड्डा में बन रही औषधीय पौधों की नर्सरी
बैठक में बताया गया कि औषधीय पौधों के लिए साहेबगंज और गोड्डा में नर्सरी बनायी जा रही है. संवेदनशील स्थानों पर त्वरित कार्रवाई के लिए 11 क्वीक रिस्पांस टीम बनायी गयी है. इसमें वन विभाग के दो कर्मी और चार स्थानीय लोगों को शामिल किया गया है. जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए 364 वाटर होल क्लीनिंग करायी गयी है. आनेवाले समय में 329 चेकडैम बनवाने का लक्ष्य है.
राज्य में 6500 हेक्टेयर में बांस रोपण का काम किया जायेगा. गांवों में बायो गैस के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है. बैठक में विधायक मेनका सरदार, ताला मरांडी, वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार, एडीजी आरके मल्लिक, डॉ प्रकाश उरांव, रांची विवि के सेवानिवृत्त कुलपति डॉ केके नाग समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.