सुख की आकांक्षा है, तो दुख झेलने के लिए भी तैयार रहें

श्री शिव मंदिर महावीर मंदिर धर्मशाला परिसर में चल रही कथा का समापन रांची : श्री बालाजी श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में डोरंडा स्थित श्री शिव मंदिर महावीर मंदिर धर्मशाला परिसर में चल रही कथा का समापन शनिवार को हो गया. कथावाचक देवी निधि एवं देवी नेहा सारस्वत ने कथा के सातवें दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2018 3:38 AM

श्री शिव मंदिर महावीर मंदिर धर्मशाला परिसर में चल रही कथा का समापन

रांची : श्री बालाजी श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में डोरंडा स्थित श्री शिव मंदिर महावीर मंदिर धर्मशाला परिसर में चल रही कथा का समापन शनिवार को हो गया. कथावाचक देवी निधि एवं देवी नेहा सारस्वत ने कथा के सातवें दिन श्री कृष्ण व सुदामा चरित्र की मित्रता के प्रसंग पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि कृष्ण की कथा, जो आपने सुनी उसे हृदय से लगाकर रखो. सबसे बड़ा धर्म है सेवा. भगवान की कृपा हम सब पर बरस रही है. उन्होंने कहा कि आत्मा-परमात्मा दोनों ही हमारे अंदर है. भगवान के चरणों में नौ प्रकार से भक्ति की जा सकती है. जीवन में अगर सुख है तो दुख भी आयेगा. लाभ है तो हानि भी होगी, लेकिन विचलित नहीं होना है. इस अवसर पर श्रीकृष्ण-सुदामा की झांकी का अवलोकन लोगों ने किया. रविवार को हवन व भंडारा होगा अौर देवी जी को विदाई दी जायेगी.

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