50,666 टेट पास अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी नौकरी, जानें क्यों
II सुनील कुमार झा II 28 मई 2013 को जारी किया गया था प्रमाण पत्र रांची : वर्ष 2013 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल 50,666 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की मान्यता सोमवार (28 मई) को समाप्त हो जायेगी. टेट के प्रमाण पत्र पांच वर्ष तक के लिए मान्य होता है. वर्ष 2013 में शिक्षक पात्रता […]
II सुनील कुमार झा II
28 मई 2013 को जारी किया गया था प्रमाण पत्र
रांची : वर्ष 2013 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल 50,666 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की मान्यता सोमवार (28 मई) को समाप्त हो जायेगी. टेट के प्रमाण पत्र पांच वर्ष तक के लिए मान्य होता है. वर्ष 2013 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र 28 मई 2013 की तिथि से जारी किया गया है. प्रमाण पत्र पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से पांच वर्ष तक मान्य होगा.
वर्ष 2013 की टेट परीक्षा में 66,364 अभ्यर्थी सफल हुए थे. कक्षा एक से पांच के लिए 22,850 व कक्षा छह से आठ के 43,514 अभ्यर्थी सफल हुए थे.
टेट सफल 66,364 अभ्यर्थियाें में से 15,698 की नियुक्ति हुई. इसमें कक्षा एक से पांच में 12,486 व छह से आठ में 3,212 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. नियुक्ति से वंचित रह गये कक्षा एक से पांच में 10,364 व छह से आठ के लिए सफल 40,302 टेट सफल अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र की मान्यता साेमवार काे समाप्त हो जायेगी.
चल रही है नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया : वर्ष 2013 में कक्षा छह से आठ में टेट सफल 43,514 हुए थे. इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति मध्य विद्यालय में होना था. सरकार ने केवल 3542 राजकीयकृत मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की, जबकि अपग्रेड मध्य विद्यालयों में पद सृजन नहीं होने के कारण लगभग 30 हजार पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी.
अभ्यर्थियों की मांग पर सरकार ने अपग्रेड मध्य विद्यालय में पद सृजित कर नियुक्ति की बात कही थी, पर आज तक पद सृजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. इसके अलावा एक वर्ष से प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन का मामला भी लंबित है.
शिक्षा विभाग लेगा कानूनी सलाह, इसके बाद होगी आगे की कार्रवाई
क्यों लिया गया था टेट
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रभावी होने के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के लिए टेट सफल होना अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पहली बार वर्ष 2013 में टेट लिया गया था.
हर वर्ष नहीं होता टेट
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुरूप राज्य में हर वर्ष टीचर्स इलिजिलिबटी टेस्ट (टेट) होना अनिवार्य है. वर्ष 2011 से अब छह टेट होना चाहिए, पर अब तक मात्र दो टेट ही हो पाया है. दूसरा टेट हुए एक वर्ष हो गये पर अब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.
िशक्षकों के िरक्त पदों के िवरुद्ध हाइकोर्ट
ने दिया है काउंसेलिंग का आदेश
हाइकोर्ट ने शिक्षकों के रिक्त पद के विरुद्ध इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए काउंसेलिंग का आदेश दिया है. हाइकोर्ट के खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार माह के अंदर एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार हाइकोर्ट के आदेश पर कानूनी सलाह लेने की तैयारी कर रही है. सरकार कनूनी सलाह के बाद सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. उल्लेखनीय है कि नियुक्ति के बाद भी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग पांच हजार शिक्षकों के पद रिक्त रह गये थे.
नेट की तरह मिले मान्यता
झारखंड राज्य प्राथमिक शक्षिक संघ के महासचिव संजय कुमार महतो ने कहा है कि जब नेट सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता कभी समाप्त नहीं होती, तो टेट प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष में ही क्यों समाप्त कर दी जाती है. उन्होंने सरकार से अगली नियुक्ति होने तक प्रमाण पत्र की मान्यता बढ़ाने की मांग की है.