रांची : एचइसी बनायेगा पानी के जहाज का उपकरण

रांची : रूस में पानी का जहाज बनाने वाली चार बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि सोमवार को एचइसी के दौरे पर पहुंचे. इसमें रोजोबोरोन एक्सपोर्ट, बाल्टिक शिपयार्ड, विंट और यूनाइटेड शिप बिल्डिंग काॅरपोरेशन कंपनी के अधिकारी शामिल थे. सभी अधिकारियों ने एचइसी के एफएफपी प्लांट का दौरा किया. इन लोगों ने यह जानने का प्रयास किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2018 6:00 AM
रांची : रूस में पानी का जहाज बनाने वाली चार बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि सोमवार को एचइसी के दौरे पर पहुंचे. इसमें रोजोबोरोन एक्सपोर्ट, बाल्टिक शिपयार्ड, विंट और यूनाइटेड शिप बिल्डिंग काॅरपोरेशन कंपनी के अधिकारी शामिल थे.
सभी अधिकारियों ने एचइसी के एफएफपी प्लांट का दौरा किया. इन लोगों ने यह जानने का प्रयास किया कि एचइसी पानी जहाज के उपकरण बनाने में कितना सक्षम है.
प्लांट का भ्रमण करने के बाद रूसी दल ने एचइसी मुख्यालय में सीएमडी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. टीम ने एचइसी में उपलब्ध संसाधन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए तकनीक देने की बात कही.
एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने बताया कि देश में पानी के जहाज का उपकरण मझगांव डॉक यार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया जाता है. भारत सरकार ने विभिन्न तरह के युद्धपोतों के निर्माण की मंजूरी मझगांव डॉक यार्ड को दी है.
मझगांव डॉक यार्ड चाहता है एचइसी इस कार्य में महती भूमिका निभाये. इसी को लेकर रूसी दल के साथ बातचीत हुई है. एचइसी रूसी कंपनी से तकनीक मिलने के बाद पानी जहाज के विभिन्न उपकरण जिसमें प्रोपेलर शॉफ्ट, रडर स्टॉक, स्टर्न गियर सिस्टम सहित अन्य उपकरण बनायेगा.
एचइसी के व्यवसाय में काफी बढ़ोतरी होगी
श्री घोष ने बताया कि पानी जहाज का तकनीक मिलने से एचइसी के व्यवसाय में काफी बढ़ोतरी होगी. साथ ही देश को विदेशी पूंजी की बचत होगी.
एचइसी में निर्माण होने से उपकरण का स्पेयर पार्ट्स भी आसानी से उपलब्ध होंगे. एचइसी ने पूर्व में भी इस तरह का उपकरण का निर्माण किया है, लेकिन एचइसी के पास पुरानी तकनीक है. रूसी दल में ली ग्लाटकिख, आइवी मिननकोव, एए सबीना, जीआइ ब्रिखक, एशियनकिन, एवी सेडाकोव शामिल हैं.

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