CBSE 10वीं परिणाम पर प्रभातखबर पड़ताल,अपने विद्यार्थियों को टॉपर लिस्ट में लाने के लिए स्कूलों ने मनमाने तरीके से अंक जोड़े

II राजेश झा II सीबीएसइ 10 वीं के परिणाम जारी कर दिये गये हैं. अखबारों में रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद टॉपरों की सूची को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जतायी है. कुछ स्कूलों ने भी आपत्ति जतायी. कई लोगों ने फाेन पर, तो कुछ प्रभात खबर के कार्यालय आकर स्कूलों के दावों पर सवाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2018 6:01 AM
II राजेश झा II
सीबीएसइ 10 वीं के परिणाम जारी कर दिये गये हैं. अखबारों में रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद टॉपरों की सूची को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जतायी है. कुछ स्कूलों ने भी आपत्ति जतायी. कई लोगों ने फाेन पर, तो कुछ प्रभात खबर के कार्यालय आकर स्कूलों के दावों पर सवाल खड़े किये. इसके बाद प्रभात खबर ने कुछ स्कूलों की ओर से भेजे गये रिजल्ट की पड़ताल की. इसमें कई तथ्य सामने आये. हम यहां इसी पड़ताल पर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं. इस रिपोर्ट का मकसद िकसी बच्चे को हतोत्साहित करना नहीं है, बल्कि स्कूलों की ओर से जारी रिजल्ट में पारदर्शिता लाने की जरूरत बताना है.
नियम है : कुल प्राप्तांक में अंग्रेजी के अंक जोड़ने हाेंगे
नियम है : कुल प्राप्तांक में अंग्रेजी के अंक जोड़ने होंगे
स्कूलों ने किया : कम नंबर मिले तो अंग्रेजी के अंक ही नहीं जोड़े
रांची : राजधानी रांची में इस बार सीबीएसइ 10 वीं के कुछ स्टेट टॉपरों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. रांची के कई स्कूलों ने अपने-अपने विद्यार्थियों को स्टेट के टॉपर लिस्ट में शामिल करने के लिए मनमाने तरीके से विभिन्न विषयों के अंक जोड़ कर कुल प्राप्तांक जारी किये हैं.
कुछ स्कूलों ने अपने-अपने विद्यार्थियों के कुल प्राप्तांक में कम नंबर आने के कारण अनिवार्य विषय अंग्रेजी के ही अंक नहीं जोड़े. कुछ स्कूलों ने गणित, तो कुछ ने साइंस के अंक हटा कर अपने-अपने विद्यार्थियों का कुल प्राप्तांक जारी किया है.
इसकी जगह पर कुल प्राप्तांक में अतिरिक्त विषय (आइटी या कोई अन्य विषय) का अंक जोड़ दिया है, क्योंकि उनके विद्यार्थी ने इस अतिरिक्त विषय में अधिक अंक लाया. जिस विषय में कम अंक आये, उसे कुल प्राप्तांक से अलग कर दिया, चाहे वह अनिवार्य विषय अंग्रेजी ही क्यों न हो. इन स्कूलों ने इसके पीछे तर्क दिया कि बेस्ट फाइव विषयों (जिन पांच विषयों में सर्वाधिक अंक आये) के अंकों को जोड़ कर प्रतिशत निकाला. यही नहीं, कुछ स्कूलों ने सभी छह विषयों के अंकों को जोड़ कर कुल प्राप्तांक जारी कर दिया.
इन दोनों ही स्थिति में संबंधित स्कूलों के विद्यार्थियों के प्राप्तांक का प्रतिशत बढ़ गया. इससे रांची में टॉपरों की सूची प्रभावित हो गयी.इन स्कूलों ने सीबीएसइ की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन नहीं किया.
1. ब्रिजफोर्ड स्कूल
दावा : सहेली मुखर्जी को 98.4 % अंक मिले.
क्या िकया : सहेली को अंग्रेजी में 97, संस्कृत में 98, गणित में 99, एसएसटी में 99, विज्ञान में 95, एफआइटी में 99 अंक मिले. स्कूल ने कुल प्राप्तांक में विज्ञान विषय के अंक को नहीं जोड़ा. इसकी जगह एफआइटी के अंक को जोड़ कर प्राप्तांक का प्रतिशत जारी कर दिया. सीबीएसइ की गाइड लाइन के अनुसार यह सही नहीं है.
हकीकत : सीबीएसइ के सर्कुलर के अनुसार, सहेली को कुल 97.6% अंक मिले. इसमें अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, एसएसटी व विज्ञान के अंक ही जोड़े जायेंगे.
2 जेवीएम श्यामली
दावा : सौम्यदीप साहा को 98.6 % अंक मिले.
क्या किया : सौम्यदीप को अंग्रेजी में 95, संस्कृत में 100, गणित में 99, विज्ञान में 99, एसएसटी में 98, एफआइटी में 97 अंक मिले. स्कूल ने अनिवार्य विषय अंग्रेजी का अंक नहीं जोड़ा. इसकी जगह एफआइटी के अंक को जोड़ कर कुल प्राप्तांक जारी कर दिया.
हकीकत : सौम्यदीप को अंग्रेजी के अंक के साथ कुल 98.2 अंक मिले हैं. इसमें एफआइटी के 97 अंक नहीं जुड़ेंगे.
3. विवेकानंद विद्या मंदिर
दावा : कौशल कुमार को 97.80 % अंक मिले
क्या िकया : कौशल को अंग्रेजी में 86, हिंदी में 98, गणित में 98, साइंस में 96, एसएसटी में 98 व एफआइटी में 99 अंक मिले. स्कूल ने कुल प्राप्तांक में अंग्रेजी की जगह एफआइटी के अंक को जोड़ दिया.
हकीकत : कौशल के कुल प्राप्तांक में एफआइटी की जगह अनिवार्य विषय अंग्रेजी के अंक जुड़ेंगे. इससे कौशल का कुल प्राप्तांक 95.2 %होता है.
4. टेंडर हर्ट
दावा : रानू कुमारी को 98 प्रतिशत अंक मिले
क्या किया : रानू को अंग्रेजी में 91, संस्कृत में 100, गणित में 99, विज्ञान में 100, एसएसटी में 97 व आइटी में 100 अंक मिले हैं. स्कूल ने रानू के कुल प्राप्तांक में सभी छह विषय के अंक को जोड़ दिया. इससे प्राप्तांक बढ़ गया.
हकीकत : कुल प्राप्तांक से आइटी के 100 अंक घटाने के बाद रानू को कुल 97.4 % अंक मिले हैं.
5. सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी
दावा : प्रखर रंजन को 97.20 प्रतिशत अंक मिले हैं.
क्या किया : प्रखर को अंग्रेजी में 91, गणित में 98, साइंस में 97, एसएसटी में 99, संस्कृत में 99 व आइटी में 99 अंक मिले. स्कूल ने प्रखर के कुल प्राप्तांक में सभी छह विषयों के अंक को जोड़ दिया.
हकीकत : प्रखर के कुल प्राप्तांक से अाइटी के अंक को हटाना होगा.
इसके बाद उसके कुल 96.8% अंक होते हैं.
6. लोयला स्कूल
दावा : आस्था भट्टाचार्जी को मिले 97.80 प्रतिशत
क्या किया : आस्था को अंग्रेजी में 97, संस्कृत में 97, साइंस में 99, एसएसटी में 98, कंप्यूटर में 97 व गणित में 95 अंक मिले. स्कूल ने कुल प्राप्तांक में सभी छह विषयों के अंकों को जोड़ा. इसके बाद भी कुल प्राप्तांक अधिक कर दिया.
हकीकत : आस्था को कुल 97.2 प्रतिशत अंक मिले.
7. गुरुनानक स्कूल
दावा : अंशिका रंजन को 99 प्रतिशत अंक मिले.
क्या िकया : अंशिका को अंग्रेजी में 95, हिंदी में 100, गणित में 100, विज्ञान में 99, एसएसटी में 96 और आइटी में 100 अंक मिले हैं. अंशिका के कुल प्राप्तांक में स्कूल ने अंग्रेजी के अंक को हटा कर आइटी के अंक को जोड़ दिया, जो नियमानुसार गलत है.
हकीकत : अंशिका को अंग्रेजी के अंक के साथ कुल 98% अंक मिले हैं. कुल प्राप्तांक में आइटी के अंक नहीं जुड़ेंगे.
8. ऑक्सफोर्ड स्कूल
दावा : अभिषेक कुमार को 97.80 प्रतिशत अंक मिले
क्या िकया : अभिषेक को अंग्रेज में 94, हिंदी में 97, गणित में 98, साइंस में 99, एसएसटी में 96 व आइटी में 99 अंक मिले. स्कूल ने अभिषेक के कुल प्राप्तांक में अनिवार्य अंग्रेजी विषय के अंक को नहीं जोड़ा. इसकी जगह आइटी के अंक को जोड़ दिया.
हकीकत : अभिषेक को कुल 96.8 % अंक मिले हैं. कुल प्राप्तांक में आइटी के अंक नहीं, अंग्रेजी के अंक जुड़ेंगे.
क्या है गाइड लाइन
सीबीएसइ की ओर से जारी मार्किंग से संबंधित सर्कुलर में कहा गया है कि 10 वीं में विद्यार्थियों को पांच विषय पढ़ना है. इसमें अंग्रेजी अनिवार्य विषय है. इसके बाद हिंदी या संस्कृत में से कोई एक विषय, साइंस, सोशल साइंस व गणित पढ़ना है. इसके अतिरिक्त छठे विषय में आइटी ले सकते हैं.
रिजल्ट अंग्रेजी, हिंदी/संस्कृत, साइंस, सोशल साइंस व गणित के अंक के आधार पर निकाला जायेगा. छठे विषय का अंक तभी जोड़ा जायेगा, जब कोई विद्यार्थी साइंस, सोशल साइंस या गणित में फेल होता है. अगर इन तीनों विषय में विद्यार्थी पास है, तो छठे विषय (आइटी या कोई अन्य विषय) का अंक नहीं जोड़ा जायेगा. वहीं, अगर कोई विद्यार्थी अंग्रेजी या हिंदी/संस्कृत में फेल होता है, तब भी छठे विषय का अंक नहीं जोड़ा जायेगा.
क्या कहते हैं प्राचार्य
मेरी जानकारी में सीबीएसइ के नियम के मुताबिक उन पांच विषयों के अंकों को जोड़ा जाता है, जिसमें विद्यार्थी ने सर्वाधिक अंक प्राप्त किये हैं. अंग्रेजी अनिवार्य विषय नहीं है.
डॉ मनोहर लाल, गुरुनानक स्कूल के प्राचार्य
मेरी जानकारी के अनुसार सीबीएसइ कहता है कि जिस पांच विषय में विद्यार्थी ने ज्यादा अंक हासिल किये हैं, उन्हें ही रिजल्ट में जोड़ कर प्रतिशत निकाला जाये. विषय की अनिवार्यता नहीं होती है.
समरजीत जाना, जेवीएम श्यामली के प्राचार्य
मेरे अनुसार बेस्ट आॅफ पांच विषय को लेना है. उसी के अनुसार रिजल्ट प्रकाशित किया गया है.
डॉ किरण द्विवेदी, विवेकानंद स्कूल की प्राचार्या
मेरी जानकारी के अनुसार अंग्रेजी अनिवार्य विषय है. अतिरिक्त विषय को अन्य चार विषय में से किसी एक विषय के नंबर से रिप्लेस किया जा सकता है.
समिता सिन्हा, सुरेंद्रनाथ स्कूल की प्राचार्या
इन्होंने जारी किया सही रिजल्ट
1. डीपीएस
दावा : आस्था को मिले 98 प्रतिशत अंक. अंग्रेजी में 98, हिंदी में 99,गणित में 99, साइंस में 99, सोशल साइंस में 98 अंक मिले. स्कूल ने सभी पांच प्रमुख विषयों के अंक जोड़े.
हकीकत : स्कूल का दावा सही
सीबीएसइ के मुताबिक अंग्रेजी अनिवार्य विषय है. अतिरिक्त विषय के अंक नहीं जोड़े जाते हैं. हमने रिजल्ट इसी आधार पर प्रकाशित किया है.
डॉ राम सिंह, डीपीएस के प्राचार्य
2. केराली स्कूल
दावा : प्रियल पलक को मिले 97.8 प्रतिशत. अंग्रेजी में 98, संस्कृत में 96, गणित में 98, साइंस में 98, एसएसटी में 99, एफआइटी में 97 अंक मिले. स्कूल ने सभी पांच प्रमुख विषयों के अंक जोड़े.
हकीकत : स्कूल का दावा सही
सीबीएसइ की गाइडलाइन के अनुसार रिजल्ट में पांच प्रमुख विषयों के अंक जोड़े गये हैं. अतिरिक्त विषय को नहीं जोड़ा गया है.
जैकब सीजे, केराली स्कूल के प्राचार्य
3. डीएवी हेहल
दावा : शशांक रंजन को 97.40 प्रतिशत अंक मिले हैं. शशांक को अंग्रेजी में 95,गणित में 99, साइंस में 98, एसएसटी में 97, संस्कृत में 98 व एफआइटी में 97 अंक मिले हैं. स्कूल ने सभी पांच प्रमुख विषयों के अंक जोड़े.
हकीकत : स्कूल का दावा सही
क्या कहते हैं अधिकारी
रिजल्ट में दो लैंग्वेज विषय और तीन विषय के अंक से ही प्रतिशत निकाला जाता है. अतिरिक्त विषय के अंक को नहीं जोड़ा जाता है.
जगदीश वर्मण, सीबीएसइ पटना जोन के क्षेत्रीय निदेशक

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