रांची : कांटाटोली फ्लाइ ओवर निर्माण के विरोध में रैयतों ने दिया धरना, कहा, विश्वास में लेकर हो जमीन का अधिग्रहण

कहा : जमीन लेने से पहले हमें रोजगार देने का वादा करे सरकार रांची : कांटाटोली में प्रस्तावित फ्लाइ ओवर निर्माण के विरोध में गुरुवार को रैयतों व दुकानदारों ने कांटाटोली चौक स्थित श्रीराम शाॅ मिल के समीप धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार तुगलकी फरमान जारी कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2018 5:53 AM
कहा : जमीन लेने से पहले हमें रोजगार देने का वादा करे सरकार
रांची : कांटाटोली में प्रस्तावित फ्लाइ ओवर निर्माण के विरोध में गुरुवार को रैयतों व दुकानदारों ने कांटाटोली चौक स्थित श्रीराम शाॅ मिल के समीप धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार तुगलकी फरमान जारी कर लोगों के जमीन को हड़पना चाहती है. हम रैयत ऐसा नहीं होने देंगे.
रैयतों ने कहा कि अगर सरकार को जमीन ही चाहिए, तो उसे सबसे पहले रैयतों को विश्वास में लेकर उचित मुआवजा का भुगतान करना होगा.
उसके बाद ही हम अपनी जमीन सरकार को देंगे. दुकानदारों ने कहा कि शहर के बीचाेबीच एनएच से सटा होने के बावजूद भी काफी कम मुआवजा का निर्धारण किया गया है. इस जमीन अधिग्रहण के दौरान जो लोग बेरोजगार होंगे, उन्हें रोजगार देने की कोई व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गयी है.
इसलिए सरकार हमें रोजगार देने का वादा करे. धरना में झारखंड टिंबर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश चंद्र पोद्दार, झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, बस ऑनर्स एसोसिएशन के किशोर मंत्री, चेंबर आॅफ कॉमर्स के विकास विजय, पंजाबी हिंदू बिरादरी सुधीर उग्गल, अरुण चावला, आरडी सिंह आदि उपस्थित थे.
रमजान तक जमीन अधिग्रहण का कम स्थगित हो : आप
रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया रमजान तक रोकने को लेकर आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव से मिला. सदस्यों ने कहा कि फ्लाइओवर निर्माण के लिए रैयतों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है. विस्थापितों के पुनर्वास की कोई योजना नहीं बनायी गयी है.
प्रतिनिधिमंडल ने रमजान तक अधिग्रहण की प्रक्रिया रोकने, रैयतों व व्यवसायियों की सहमति से जमीन का अधिग्रहण करने, जमीन के एवज में मार्केट रेट से पांच गुना अधिक मुआवजा देने, विस्थापितों के लिए नौकरी व पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में पवन कुमार पांडे, राजन कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह व अविनाश नारायण शामिल थे.

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