रांची विवि : तीन साल पहले शुरू हुई थी वाइ-फाइ लगाने की योजना, अब तक सिर्फ केबल बिछाने का हुआ काम
रांची : राज्य सरकार ने राज्य के सभी विवि व कॉलेजों में वाइ-फाइ लगाने की घोषणा की थी. इसके लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग द्वारा प्रक्रिया भी शुरू की गयी. वर्ष 2015-16 व वर्ष 2016-17 में इसके लिए 46 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. वाइ-फाइ लगाने के लिए एजेंसी का चयन […]
रांची : राज्य सरकार ने राज्य के सभी विवि व कॉलेजों में वाइ-फाइ लगाने की घोषणा की थी. इसके लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग द्वारा प्रक्रिया भी शुरू की गयी. वर्ष 2015-16 व वर्ष 2016-17 में इसके लिए 46 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. वाइ-फाइ लगाने के लिए एजेंसी का चयन भी कर लिया गया. रांची विवि में 15 अगस्त 2017 तक वाइ-फाइ लगाने का कार्य पूरा करने की बात कही गयी थी, पर आज तक विवि कैंपस को वाइ-फाइ युक्त नहीं किया जा सका.
रांची विश्वविद्यालय के साथ-साथ राज्य के सभी विवि में तीन साल पहले वाइ-फाइ शुरू करने की योजना बनायी गयी थी. एक साल पहले ही ये काम पूरा हो जाना था. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से ये काम निक्सी कंपनी से कराया जा रहा है. पिछले दिनों एजेंसी के प्रतिनिधियों ने रांची विवि मुख्यालय का निरीक्षण किया था.
डिजिटल इंडिया के तहत नवंबर 2015 में रांची विवि सहित राज्य के चार विश्वविद्यालय के कैंपस को वाइ-फाइ करने की तैयारी उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने की थी. योजना बनाने के बाद इस काम को करने की जिम्मेदारी निक्सी नामक कंपनी को दी गयी थी, लेकिन कंपनी का काम इतना धीरे चल रहा है कि अभी तक सभी कैंपस में केवल केबल बिछाने का काम किया गया है.
रांची विवि कैंपस में चार करोड़ में होना था काम : रांची विवि मुख्यालय व मोरहाबादी के पूरे कैंपस को वाइ-फाइ जोन बनाना था. इसके लिए दो साल पहले ही काम शुरू हो गया था. पूरे कैंपस में जमीन के अंदर केबल बिछाने का काम किया गया था. चार करोड़ का बजट था.
इसके बाद पिछले साल अगस्त में ही रांची विवि के कैंपस में वाई-फाई शुरू होना था, लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया गया. वहीं, मुख्यालय के सीनेट हॉल में वाइ-फाइ उपकरण कई महीनों से पड़े हुए हैं, जबकि कंपनी को काम होने के पहले ही पैसे ट्रांसफर कर दिये गये थे. विवि को केवल इस काम में सहयोग करने के लिए कहा गया था.
क्या होगा फायदा : रांची विवि मुख्यालय के वाइ-फाइ जोन बनने से यहां पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राएं फ्री में इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे. उन्हें अपने रिसर्च वर्क के लिए साइबर कैफे का चक्कर नहीं लगाना होगा. इसके साथ ही उन्हें ई-लाइब्रेरी का भी फायदा अपने मोबाइल पर ही मिल सकेगा. कैंपस में कहीं भी बैठ कर वो इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. सारी जानकारी उन्हें ऑनलाइन मिल सकेगी.
विवि कैंपस को वाइ-फाइ जोन बनाने में देरी तो हुई है, लेकिन हमारी कोशिश है कि इस साल 15 अगस्त तक वाइ-फाइ को शुरू कर दिया जाये. सबसे पहले रांची विवि कैंपस और बीअाइटी सिंदरी को वाइ-फाइ जोन बनाया जायेगा. उसके बाद बाकी विवि इस जोन में आयेंगे.
अजय कुमार सिंह, सचिव, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग