उपचुनाव में एनडीए बिखरा, सिल्ली में दिखी दूरी, गर्दिश में सुदेश महतो, भाजपा हुई पस्त

गोमिया में भाजपा ने झोंकी थी ताकत रांची : सिल्ली व गोमिया उपचुनाव से एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है़ दोनों ही सीटों पर एनडीए का कोई घटक दल जीत नहीं पाया़ सिल्ली से आजसू नेता सुदेश महतो की लगातार दूसरी बार हार हुई है़ सुदेश महतो की राजनीतिक पारी फिलहाल गर्दिश में है़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2018 7:10 AM
गोमिया में भाजपा ने झोंकी थी ताकत
रांची : सिल्ली व गोमिया उपचुनाव से एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है़ दोनों ही सीटों पर एनडीए का कोई घटक दल जीत नहीं पाया़ सिल्ली से आजसू नेता सुदेश महतो की लगातार दूसरी बार हार हुई है़
सुदेश महतो की राजनीतिक पारी फिलहाल गर्दिश में है़ 2014 के विधानसभा चुनाव में सुदेश महतो झामुमो के प्रत्याशी रहे अमित महतो से 29 हजार से ज्यादा वोट से हार गये थे़ दूसरी बार अमित महतो की जगह उनकी पत्नी सीमा महतो ने चुनाव लड़ा. इस बार हार का अंतर जरूर कम हुआ, लेकिन 13 हजार वोट से फिर सुदेश हार गये़
लंबोदर महतो ने कांटे का टक्कर दिया, लेकिन चमत्कार नहीं कर पाये
इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी रांची सीट से सुदेश महतो को हार का मुंह देखना पड़ा था़ ऐसे में यह उनकी लगातार तीसरी हार है़
आजसू खेमा अपने नेता की शिकस्त से हतोत्साहित है़ वहीं गोमिया में लंबोदर महतो भी चमत्कार नहीं कर पाये़ कांटे का टक्कर दिया, लेकिन परिणाम पक्ष में नहीं कर सके़ 1344 वोट से झामुमो उम्मीदवार बबीता देवी जीत गयी़ं आजसू को यहां भी हार का मुंह देखना पड़ा़ इधर, भाजपा भी गोमिया में पस्त हो गयी़ भाजपा के उम्मीदवार माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर रहे़
वह झामुमो और आजसू के बीच से कोई रास्ता नहीं निकाल सके़ माधवलाल सिंह 42 हजार वोट मेें ही सिमट कर रह गये़ जबकि भाजपा ने गोमिया में अपनी ताकत झोंकी थी़ प्रदेश संगठन के कई नेता लगातार कैंप कर रहे थे़ संगठन महामंत्री धर्मपाल खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे़ मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा क्षेत्र में सभाएं की, लेकिन गोमिया सीट झामुमो से नहीं झटक पाये़
एक-दूसरे के ही रास्ता का रोड़ा बने भाजपा और आजसू
इस उपचुनाव में भाजपा और आजसू में दूरी दिखी़ गोमिया में भाजपा और आजसू दोनों में तनातनी थी़ एक दूसरे का ही रास्ता का रोड़ा बने थे़ वहीं सिल्ली में सुदेश महतो ने खुद मोर्चा संभाला था़ सिल्ली में भाजपा दूर रही़
इन सबके बीच विपक्ष एकजुट होकर अपने कैडरों और समर्थकों को गोलबंद कर रहा था़ अल्पसंख्यक वोट को बिखरने से रोका, वहीं एनडीए में भ्रम की स्थिति बनी रही़ एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी करते रहे़ आजसू ने ही गोमिया में भाजपा को तीसरे स्थान पर ढकेल दिया़ विपक्ष ने इस राजनीतिक परिस्थिति का भरपूर फायदा उठाया़ बहरहाल, गोमिया व सिल्ली के रास्ते राज्य की राजनीति अभी करवट लेगी़ राजनीति के नये आयाम जुड़ेंगे.

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