रांची में रहनेवाले हैदर ने महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षु बनकर बम प्लांटकिया था, 3 आतंकियों को उम्रकैद की सजा
डीएनए टेस्ट से हैदर अली के खिलाफ एनआइए को मिले थे पुख्ता सबूत रांची : सात जुलाई, 2013 की सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच बोधगया के महाबोधि मंदिर और उसके आसपास एक के बाद एक नौ धमाके हुए थे. इस मामले में रांची से ताल्लुक रखनेवाले तीन आतंकियों को भी उम्रकैद की सजा […]
डीएनए टेस्ट से हैदर अली के खिलाफ एनआइए को मिले थे पुख्ता सबूत
रांची : सात जुलाई, 2013 की सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच बोधगया के महाबोधि मंदिर और उसके आसपास एक के बाद एक नौ धमाके हुए थे. इस मामले में रांची से ताल्लुक रखनेवाले तीन आतंकियों को भी उम्रकैद की सजा एनआइए कोर्ट, पटना ने शुक्रवार को सुनायी है. इनमें हैदर अली, मुजिबुल्लाह अंसारी व इम्तियाज अंसारी शामिल हैं. हैदर अली मूल रूप से औरंगाबाद का निवासी है. लेकिन वह रांची के डोरंडा युनूस चौक में किराये के मकान में रहता था. मुजिबुल्लाह अंसारी मूल रूप से ओरमांझी के चकला का व इम्तियाज अंसारी धुर्वा के सीठियो का रहनेवाला है.
जांच में यह बात सामने आयी है कि महाबोधि मंदिर में बम रखने के लिए हैदर अली ने बौद्ध भिक्षु बनकर महाबोधि मंदिर में प्रवेश किया था. जांच के दौरान एनआइए की टीम को बौद्ध भिक्षु के कपड़े पर एक बाल मिला था. इसके डीएनए टेस्ट से हैदर अली के खिलाफ एनआइए को पुख्ता सबूत मिले. एनआइए का कहना है कि जब उसने महाबोधि वृक्ष के पास बम रखे थे, तो यही कपड़ा पहना था. हैदर बम तैयार करने का एक्सपर्ट था. हैदर का भी संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी और इंडिया मुजाहिद्दीन से रहा था.
वह ब्लैक ब्यूटी के नाम से भी आतंकी भटकल के भाई और इंडियन मुजाहिद्दीन के अन्य आतंकियों से विस्फोटक प्लांट करने के दौरान चैटिंग करता था. वह घटना को अंजाम देने बौद्ध भिक्षु की वेश में बोधगया पहुंचा था. घटना को अंजाम देने के बाद उसने ड्रेस बदल लिया था.
उल्लेखनीय है कि 27 अक्तूबर, 2013 को पटना जंक्शन और गांधी मैदान में आयोजित भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (अब प्रधानमंत्री) की हुंकार रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इस मामले में भी आतंकी उमर सिद्दीकी, अजहर कुरैशी, इम्तियाज अंसारी, मुजिबुल्लाह अंसारी और हैदर अली अभियुक्त हैं.
मीडिया से मुजिबुल्लाह व इम्तियाज के परिजनों ने बनायी दूरी
वर्तमान में हैदर का कोई परिजन रांची में नहीं रहता है. जबकि मुजिबुल्लाह व इम्तियाज के परिवार वाले यहीं रहते हैं. सजा सुनाये जाने के बाद प्रभात खबर की टीम चकला और सिठियो गांव गयी. सिठियो में इम्तियाज के परिजनों ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया. जबकि चकला गांव में मुजिबुल्लाह के माता-पिता नहीं मिले. घर में छोटी बहनें मिली. उन्हें भी सजा की जानकारी थी. इसलिए दोनों रो रही थीं. लेकिन उन्होंने भी मीडिया से दूरी बनाये रखी.
हैदर को रायपुर में मिला था विस्फोट करने का सामान
बोधगया में सीरियल ब्लास्ट करने का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था.ब्लास्ट के लिए हैदर ने रायपुर में रहने वाले सिमी के सदस्य उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था. हैदर रायपुर गया था. हैदर को बम विस्फोट का सामान भी वहीं दिया गया था. हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का पांच बार दौरा किया था. वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. उसके साथ आतंकी संगठन सिमी के सदस्य थे.
डोरंडा में किराये के घर में एक ही साथ रहते थे हैदर व मुजिबुल्लाह अंसारी
मुजिबुल्लाह अंसारी व हैदर रांची के डोरंडा में किराये के घर में एक ही साथ रहते थे. हैदर ने ही मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज के साथ मिल कर बोधगया में बम प्लांट किया था. हिंदपीढ़ी के इरम लॉज में तलाशी के दौरान पुलिस ने चार नवंबर 2013 को 12 टाइमर, 19 जिलेटिन और 25 डेटोनेटर बरामद किये थे. इसके अलावा मुजिबुल्लाह के कमरे से पटना स्थित गोलघर, गांधी मैदान, बिस्कोमान भवन और मौर्या होटल का स्कैच मिला था. उर्दू में लिखे दो बंडल कागजात भी मिले थे.
बरामद बम काफी शक्तिशाली थे. बरामद बम के संबंध में यह बात सामने आयी थी कि इस तरह के बम का इस्तेमाल आतंकियों ने बोधगया और पटना ब्लास्ट में किया था. इससे पूर्व 27 अक्तूबर की रात पुलिस की टीम ने धुर्वा के सीठियो गांव स्थित इम्तियाज के घर से टाइमर लगा कुकर बम और विस्फोटक बरामद किया था. मुजिबुल्लाह बीकॉम पास है.
रांची से ही बोधगया ब्लास्ट की साजिश रचने की बात सामने आयी थी. हिंदपीढ़ी के इरम लॉज में छापेमारी के बाद मिले बम के बाद यह बात और पुख्ता हो गयी थी. लॉज से मिले टाइमर बम में जिस लोटस कंपनी की घड़ी का इस्तेमाल किया गया था, उसी घड़ी का इस्तेमाल बोधगया बलास्ट में भी किया गया था. इसके अलावा लॉज के कमरे से बोधगया मंदिर का भी नक्शा मिला था.