अलगाववादी डॉ यूसुफ पुर्ती के अभियान को विफल करने के लिए खूंटी जिले में 500 अतिरिक्त फोर्स तैनात

रांची : अति नक्सल प्रभावित जिला खूंटी में पत्थलगड़ी की आड़ में विकास कार्य को प्रभावित करनेवाले लोगों पर अब सख्त कार्रवाई होगी. इसके लिए खूंटी जिले में अतिरिक्त 500 फोर्स की तैनाती की गयी है. इसमें रैपिड एक्शन पुलिस भी शामिल है. अत्याधुनिक हथियार, वज्र वाहन, अश्रु गैस, स्पेशल रबर बुलेट सहित अन्य उपकरणों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2018 4:51 AM

रांची : अति नक्सल प्रभावित जिला खूंटी में पत्थलगड़ी की आड़ में विकास कार्य को प्रभावित करनेवाले लोगों पर अब सख्त कार्रवाई होगी. इसके लिए खूंटी जिले में अतिरिक्त 500 फोर्स की तैनाती की गयी है. इसमें रैपिड एक्शन पुलिस भी शामिल है. अत्याधुनिक हथियार, वज्र वाहन, अश्रु गैस, स्पेशल रबर बुलेट सहित अन्य उपकरणों से जवान लैस रहेंगे. अधिकारियों का मानना है कि पत्थलगड़ी लंबे समय से की जा रही है. परंपरागत पत्थलगड़ी में बुराई नहीं है. लेकिन मौजूदा पत्थलगड़ी की आड़ में कुछ स्वार्थी लोग विकास कार्य को प्रभावित कर रहे हैं. वे भोले-भाले आदिवासियों को डरा-धमकाकर जबरन पत्थलगड़ी में शामिल करा रहे हैं.

पत्थलगड़ी में शामिल नहीं होने पर उन्हें आर्थिक दंड भी दिया जाता है. जबकि अधिकांश लोगों को तो पता भी नहीं है कि पत्थलगड़ी होता क्या है. ऐसे स्वार्थी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. ताकि आमजनों को विकास कार्य के जरिये फायदा पहुंचाया जा सके.

पत्थलगड़ी के प्रभाव में चार ब्लॉक के 34,386 लोग : खूंटी जिले के चार ब्लॉक के 34,386 लोग में पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ चुके हैं. इनमें खूंटी, मुरहू, अड़की और तोरपा ब्लॉक है. पुलिस के मुताबिक, खूंटी ब्लॉक में 16,846 लोग, अड़की ब्लॉक में 11,515 लोग, मुरहू ब्लॉक में 4273 और तोरपा में 1734 पत्थलगड़ी समर्थक हैं. अभी कर्रा और रनिया ब्लॉक इसकी चपेट में नहीं आये हैं. खूंटी में भंडरा से पत्थलगड़ी की शुरुआत हुई थी. जो तेजी से बढ़ रहा.
खूंटी में सीधे-साधे लोगों को बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर जबरन पत्थलगड़ी के बहाने कुछ स्वार्थी लोग अपना उल्लू सीधा कर विकास कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं. पत्थलगड़ी में शामिल नहीं होने पर आर्थिक दंड लगाया जाता है. यह सब गलत है. जो गलत काम कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके लिए 500 अतिरिक्त फोर्स खूंटी जिले को दिया गया है.
-आशीष बत्रा, आइजी अभियान सह प्रवक्ता

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