रांची : ओपीडी में नौ घंटे में 2048 मरीजों को मिला परामर्श

रांची : रिम्स में दो दिन की हड़ताल के बाद सोमवार को विभिन्न ओपीडी में (सुबह नौ बजे से एक बजे व तीन से पांच बजे तक) करीब 2048 मरीजों को परामर्श मिला. ओपीडी में चिकित्सीय परामर्श लेेने के लिए मरीजों की काफी भीड़ सुबह से ही लगी हुई थी. मरीज ओपीडी पर्ची बनाने व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2018 9:23 AM
रांची : रिम्स में दो दिन की हड़ताल के बाद सोमवार को विभिन्न ओपीडी में (सुबह नौ बजे से एक बजे व तीन से पांच बजे तक) करीब 2048 मरीजों को परामर्श मिला.
ओपीडी में चिकित्सीय परामर्श लेेने के लिए मरीजों की काफी भीड़ सुबह से ही लगी हुई थी. मरीज ओपीडी पर्ची बनाने व डाॅक्टर तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार किये. हालांकि ओपीडी की पहली पाली में दर्जनों मरीज डाॅक्टर से परामर्श लेने में असफल रहे, जो दोपहर तीन बजे दिखा पाये.
इधर, वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल में नर्स लगी हुई थी. वह मरीजों को सूई व दवा देने में लगी हुई थी. नर्सों के नियमित सेवा शुरू हो जाने से महत्वपूर्ण वार्ड में गंभीर मरीजों को सबसे ज्यादा राहत मिली.
ऑपरेशन से वंचित रहे मरीजों को ऑपरेशन शुरू हो गया. सर्जरी विभाग में कुछ लंबित ऑपरेशन भी किये गये. वहीं अन्य लंबित मरीजों का ऑपरेशन मंगलवार को किया जायेगा. सीनियर डॉक्टर हरहाल में मरीजों को बेहतर इलाज के प्रयास में जुटे रहे. किडनी के जिन मरीजों का शनिवार को डायलिसिस नहीं हुआ था उनका डायलिसिस किया गया.
इमरजेंसी में 199 को परामर्श, 147 हुए भर्ती : इमरजेंसी में सुबह से शाम पांच बजे तक कुछ 199 मरीजों ने परामर्श लिया, जिसमें करीब 147 मरीजों को विभिन्न वार्ड में भर्ती लिया गया. जिन मरीजों की स्थिति ठीक थी उनको ओपीडी में ही परामर्श देकर छोड़ दिया गया.
एक्सरे व खून जांच में रही भीड़ : दो दिन से एक्स-रे व खून जांच के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की जांच रिम्स के पैथोलॉजी, बॉयोकेमेस्ट्री व माइक्रोबॉयोलॉजी में की गयी. हालांकि सैंपल देने में मरीजों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
रांची़ रिम्स में हुई घटना के लिए जूनियर डॉक्टरों व नर्सों को जिम्मेदार बताते हुए झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कोतवाली थाना में आवेदन दिया है़
इस संबंध में कोतवाली इंस्पेक्टर एसएन मंंडल ने कहा कि मामला बरियातू का थाना है. इसलिए आवेदन बरियातू थाना को फारवर्ड किया जायेगा़ आवेदन में आरोप लगाया गया है कि हड़ताल के कारण 28 मरीजों की मौत हो गयी़ 35 मरीजों के ऑपरेशन टल गये. ओपीडी नहीं खुलने से परामर्श लेने आये 600 से अधिक लोगों को वापस लौटना पड़ा़ यह जूनियर डॉक्टरों व नर्सों की घोर लापरवाही का नतीजा है़
इससे मरीज व उनके परिजनाें को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा़ संघ ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच करते हुए दोषी जूनियर डॉक्टर व नर्सों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है़
मरीजों को ओपीडी में परामर्श मिला है. आॅपरेशन भी हुआ. जांच भी शुरू हो गयी है. मरीजों को किसी प्रकार की शिकायत की कोई सूचना नहीं है.
डॉ डीके सिन्हा, प्रभारी अधीक्षक
सुरक्षा एजेंसी को आज नोटिस भेजेगा रिम्स प्रबंधन
रांची़ रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) व जूनियर नर्सेस संघ की हड़ताल के बाद सुरक्षा एजेंसी को नोटिस देकर हटाने की प्रक्रिया पर निर्णय होने के बाद सोमवार को रिम्स प्रबंधन ने नोटिस तैयार कर लिया है. सुरक्षा एजेंसी को रिम्स प्रबंधन मंगलवार को नोटिस जारी करेगा.
उससे स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. सूत्रों की मानें, तो नोटिस में रिम्स प्रबंधन वह सभी प्रकार की दलील देगा, जिसमें सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही सामने आयी है. एजेंसी को बताया जायेगा कि सुरक्षा की चूक, मारपीट व अन्य मामलों के कारण रिम्स की छवि बाहर में खराब होती है. सरकार की छवि भी धूमिल होती है.

Next Article

Exit mobile version