जमीन की मापी के लिए अमीन की फीस हजार रुपये प्रति दिन
लगान के रूप में खुदरा पैसा के बदले रुपये देने होंगे रांची : कैबिनेट ने जमीन की मापी के लिए पूरे राज्य में एक समान फीस निर्धारित कर दी है. इसके तहत अब सरकारी अमीन से जमीन की मापी के लिए हजार रुपये प्रति दिन की दर से फीस सरकारी खजाने में जमा कराना होगा. […]
लगान के रूप में खुदरा पैसा के बदले रुपये देने होंगे
रांची : कैबिनेट ने जमीन की मापी के लिए पूरे राज्य में एक समान फीस निर्धारित कर दी है. इसके तहत अब सरकारी अमीन से जमीन की मापी के लिए हजार रुपये प्रति दिन की दर से फीस सरकारी खजाने में जमा कराना होगा.
साथ ही कैबिनेट ने लगान के रूप में अब खुदरा पैसा के बदले रुपये में ही जमा कराने का फैसला लिया है. यानी अब अगर किसी व्यक्ति की जमीन का लगान पांच रुपये 60 पैसे होता था, तो उसे अब छह रुपये जमा करना होगा.
कैबिनेट ने 103.68 करोड़ रुपये की लागत से 15 जिलों के फ्लोराइड प्रभावित 233 टोलों में 323 एचवाइडीटी और टैंक के साथ ही फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का फैसला किया है. टेंडर के माध्यम से चयनित कांट्रैक्टर को 10 साल तक रख-रखाव करनी होगी.
पेयजल विभाग द्वारा जिन प्रमंडलों में एचवाइडीटी लगाया जायेगा उसमें चास, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, हजारीबाग, जमशेदपुर, मेदिनीनगर, रांची इस्ट, रांची वेस्ट, पाकुड़, साहेबगंज, रामगढ़ और सिमडेगा जल प्रमंडल शामिल है.
कैबिनेट ने महगामा के छह पंचायतों की 33 गांवों को मिला कर नगर पंचायत बनाने का फैसला किया है. इस नगर पंचायत में बसुआ, महगामा उत्तरी, महगामा दक्षिणी, मुरलीटोप, खदहारा माल(आंशिक) और करनू पंचायत के अांशिक हिस्से को शामिल किया गया है.नगर पंचायत में कुल 30701 की आबादी शामिल होगी तथा नगर पंचायत का क्षेत्रफल 14.34 वर्ग किमी होगा.
केंद्र प्रायोजित योजना महिला शक्ति केंद्र के तहत 20 जिलों के 160 प्रखंडों का चयन किया जायेगा. इसमें महिलाओं के सशक्तीकरण सहित उन्हें स्वावलंबी बनाने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन आदि स्थापित किये जायेंगे. इस योजना पर कुल 59.71 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
योजना की अवधि 2020 तक होगी. इस योजना के तहत जिन जिलों का चयन किया गया है उसमें पूर्वी सिंहभूम, प. सिंहभूम, साहेबगंज, पाकुड़, दुमका, गढ़वा, पलामू, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा और लातेहार शामिल है.
कैबिनेट के अन्य फैसले
कांची जलाशय कमांड एरिया के लिए अब केंद्र सरकार पैसा नहीं देगी. राज कोष से ही 85.75 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
एनआरडीडब्ल्यूपी में अब राज्य सरकार केंद्र के हिस्से की राशि खर्च करने के बाद उससे वापस लेगी.
जिंफ्रा के बदले अब बिल्डिंग कॉरपोरेशन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण करेगा. कॉरपोरेशन को फीस के रूप में योजना का पांच प्रतिशत देय होगा.राजमहल में नमामि गंगे परियोजनाका 12.72 प्रतिशत अधिक पर देनेका फैसला.एनइएमएल के माध्यम से अब फूड कॉरपोरेशन के लिए ट्रांसपोर्टर का चयन किया जायेगा.
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के बने नियम के अनुरूप ही चलेगा.